लोकसभा निर्वाचन 2009 : समय-सीमा में वल्नरेबिलिटी मैपिंग करने के चुनाव आयोग के नये निर्देश जिले में कार्रवाई जारी
ग्वालियर 25 मार्च 09। लोकसभा निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के मकसद से निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बिना किसी अपवाद के वल्नरेबिलिटी मैंपिंग करने के संबंध में नये दिशा निर्देश जारी किये हैं। इस परिपालन में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा में जिले में वल्नरेबिलिटी मैंपिंग की कार्रवाई शुरू कर दी है। आयोग के आदेशानुसार वल्नरेबिलिटी मैंपिंग की कार्रवाई तीन चरणों में और निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण की जानी है।
निर्वाचन आयोग एवं राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस संबंध में में निर्देश दिये हैं कि प्रथम चरण में ऐसे गांव, मजरे-टोले एवं ऐसे वोटर सेग्मेंट का चयन करना है, जिनमें जातिगत, साम्प्रदायिक अथवा आपराधिक प्रवृत्ति के बलशाली व्यक्तियों का अस्तित्व अथवा वर्चस्व हो या फिर आपसी वैमनस्यता की वजह से वल्नरेबिलिटी पाई गई हो। प्रथम चरण में वल्नरेबिलिटी मैपिंग के तहत ऐसे व्यक्तियों की पहचान भी करनी है जिनकी वजह से वल्नरेबल एरिया चयनित हुआ और जिनके द्वारा अपने वर्चस्व से मतदातओं को प्रभावित करने की सम्भावना हो। इस प्रकार चिन्हित किये व्यक्तियों की गतिविधयों के खिलाफ की जा रही प्रतिबंधात्मक एवं निवारक कार्रवाई रिपोर्ट भी वल्नरेबिलिटी मैंपिंग में शामिल की जानी है। वल्नेरेबिलिटी मेंपिंग की प्रथम चरण की कार्रवाई लोकसभा क्षेत्र के लिये राजपत्र में जारी होने वाली अधिसूचना दिनांक से पूर्व पूर्ण की जानी है।
द्वितीय चरण की कार्रवाई में सोर्स लेवल टीमों द्वारा बताये गये ऐसे व्यक्तियों अर्थात व्यवधानकर्ताओं को भी चिन्हित करना है जो उस क्षेत्र को वल्नरेबल बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
साथ ही किसी जिले अथवा लोकसभा क्षेत्र में कोई भी गांव, मजरा-टोला आदि क्षेत्र वल्ननेबल क्षेत्र के रूप में चिन्हित नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में वहां के जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी अधीनस्थ संस्थानों मसलन थाना, ब्लॉक, सब डिवीजन आदि से इस आशय का स्पष्ट प्रमाण पत्र लें कि उनके क्षेत्र में कोई भी बस्ती अथवा वोटर सेग्मेंट वल्नरेबल के दायरे मे नहीं आते। जिला निर्वाचन अधिकारी को उक्त प्रमाण पत्र अधिसूचना जारी होने के तीन दिवस के भीतर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को अनिवार्यत: उपलब्ध कराने होंगे।
जिला दण्डाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक मतदान व्यवधानकर्ताओं के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करेंगे। साथ ही संबंधित क्षेत्र अर्थात वल्नरेबल गांवों व अन्य वस्तियों के मतदाताओं को विश्वास दिलाने के लिये उस क्षेत्र का भ्रमण भी करेंगे। इस दौरान वे बैठकें लेकर व्यवधान उत्पन्न कराने वाले तत्वों को चेतावनी देने के साथ साथ पृथक से कार्रवाई भी करायेंगे। आयोग ने व्यवधान उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखने तथा एक विशेष पुलिस अधिकारी को संबंधित थाना स्तर पर कानून एवं व्यवस्था तथा स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिये नामांकित करने के निर्देश दिये हैं। वल्नरेबल क्षेत्र के लिये नामांकित किये गये पुलिस अधिकारी का पद नाम, पता व मोबाइल फोन आदि जानकारी, वल्नरेबल मैंपिंग प्रपत्र में अंकित करने के लिये कहा गया है।
उक्त कार्रवाई के पश्चात जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को संयुक्त रूप से तथ्यात्मक प्रतिवेदन, मतदान की तिथि से पांच दिन पूर्व अनिवार्य रूप से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजना हागा साथ ही प्रेक्षकगणों को भी इसकी जानकारी देनी होगी।
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