रविवार, 30 नवंबर 2008

उत्‍तम वाणी, सत्‍य वचन, धीर गंभीर मृदु वाक्‍य

उत्‍तम वाणी, सत्‍य वचन, धीर गंभीर मृदु वाक्‍य

मनुष्‍य को सदा उत्‍तम वाणी अर्थात श्रेष्‍ठ लहजे में बात करना चाहिये, और सत्‍य वचन बोलना चाहिये, संयमित बोलना, मितभाषी होना अर्थात कम बोलने वाला मनुष्‍य सदा सर्वत्र सम्‍मानित व सुपूज्‍य होता है । कारण यह कि प्रत्‍येक मनुष्‍य के पास सत्‍य का कोष (कोटा) सीमित ही होता है और शुरू में इस कोष (कोटा) के बने रहने तक वह सत्‍य बोलता ही है, किन्‍तु अधिक बोलने वाले मनुष्‍य सत्‍य का संचित कोष समाप्‍त हो जाने के बाद भी बोलते रहते हैं, तो कुछ न सूझने पर झूठ बोलना शुरू कर देते हैं, जिससे वे विसंगतियों और उपहास के पात्र होकर अपमानित व निन्‍दनीय हो अलोकप्रिय हो जाते हैं । अत: वहीं तक बोलना जारी रखो जहॉं तक सत्‍य का संचित कोष आपके पास है । धीर गंभीर और मृदु (मधुर ) वाक्‍य बोलना एक कला है जो संस्‍कारों से और अभ्‍यास से स्‍वत: आती है ।  

 

5 प्रत्याशियों को व्यय लेखा प्रस्तुत करने के निर्देश

5 प्रत्याशियों को व्यय लेखा प्रस्तुत करने के निर्देश

ग्वालियर 29 नवम्बर 08। रिटर्निंग अधिकारी 16 ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र द्वारा 5 व्यक्तियों को व्यय लेखा प्रस्तुत न करने पर सूचना पत्र जारी कर निर्देश दिए है कि वह तत्काल अपना व्यय लेखा प्रस्तुत करें। जिन प्रत्याशियों को सूचना पत्र जारी किए गए है उनमें विधानसभा क्षेत्र 16 ग्वालियर पूर्व के श्री मुन्नालाल गोयल, श्री बृजेश शर्मा, श्री रामवली, श्री सूरज सिंह एवं श्री परशुराम के नाम सम्मिलित है।

       सूचना पत्र में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक व्यय लेखा प्रस्तुत न करना एक बड़ी विफलता माना जायेगा तथा सम्बन्धित प्रत्याशी के विरूध्द भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-1 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। प्रत्याशियों को तीन दिन के अन्दर व्यय लेखा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।

 

ग्वालियर चम्बल संभाग के 20 मतदान केन्द्रों पर पुन: मतदान आज मुरैना के तीन बी.एल.ओ. निलम्बित

ग्वालियर चम्बल संभाग के 20 मतदान केन्द्रों पर पुन: मतदान आज मुरैना के तीन बी.एल.ओ. निलम्बित

 

ग्वालियर 29 नवम्बर 08। ग्वालियर चंबल संभाग के बीस मतदान केन्द्रों पर आज नये सिरे से मतदान होगा। चम्बल संभाग के भिण्ड जिले में 13 मतदान केन्द्रों पर मुरैना जिले के 6 मतदान केन्द्रों पर तथा शिवपुरी जिले में एक मतदान केन्द्र पर इस प्रकार बीस मतदान केन्द्रों पर होगा पुन: मतदान। इन केन्द्रों पर प्रात: 5 बजे से सांय 8 बजे तक होगा मतदान।

       चम्बल संभाग के भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के एक दर्जन स्थानों पर मतदान केन्द्र क्रमांक 25-बसन्तपुरा नं. 1, 26 बसन्तपुरा नं.2, 38 -ढ़िमोले की मढ़ैया, 42 देवजू का पुरा, 53-जैतपुरा गुढ़ा, 97-ररी, 107-लहार नं. 9, 111-लहार नं. 13, 112-लहार नं. 14, 113-लहार नं. 15, 143-जैतपुरा असवार, 158- कटियावली तथा जिले की मेंहगांव विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्र. 82- मानपुरा इस प्रकार भिण्ड जिले के 13 मतदान केन्द्रों पर होगा पुन: मतदान।

       चम्बल संभाग के मुरैना जिले के विधान सभा क्षेत्र सुमावली के मतदान केन्द्र क्र. 30-बागचीनी (तोर) तथा 81- घूघस, विधान सभा क्षेत्र मुरैना के 185- बस्तपुर तथा विधान सभा क्षेत्र दिमनी के मतदान क्र. 55 और 56 मुड़िया खेड़ा तथा 72 सुरजनपुर में होगा पुन: मतदान।

       ग्वालियर संभाग के शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के मतदान क्र. 101 देवरी कंला में भी होगा पुन: मतदान।

 

मुरैना के तीन बी.एल.ओ. निलम्बित

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुरैना श्री एम.के.अग्रवाल ने चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने वाले तीन बी.एल.ओ. को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है । यह कार्रवाई दिमनी विधानसभा के प्रेक्षक श्री राजीवसिंह ठाकुर की अनुशंसा पर की गई। निलम्बन अवधि में उनका मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी, मुरैना कार्यालय रहेगा ।

       शासकीय माध्यमिक विद्यालय सुरजनपुर के शिक्षक श्री कप्तानसिंह मौर्य की डयूटी मतदान केन्द्र क्रमांक 72 सुरजनपुर, प्राथमिक विद्यालय मुड़ियाखेड़ा के सहायक शिक्षक श्री कृष्णचंद श्रीवास्तव की डयूटी मतदान केन्द्र क्रमांक 56 मुड़ियाखेड़ा तथा यहीं के सहायक शिक्षक सुरेशचन्द्र जैन की डयूटी मतदान केन्द्र क्रमांक 55 मुड़ियाखेडा पर बी.एल.ओ. के रूप में लगाई गई थी । इन मतदान केन्द्रों पर बलात कब्जा कर मतदान को प्रभावित किया गया । संबंधित बी.एल.ओ. द्वारा मतदान केन्द्रों पर बलात कब्जा की रिपोर्ट अज्ञात लोगों के नाम से कराई   गई । जबकि यह सभी लोग स्थानीय हैं और इसी ग्राम में शिक्षक के रूप में कार्यरत है ऐसे में मतदान केन्द्रों पर बलात कब्जा करने वालों को यह अवश्य जानते होंगे । इसी आधार पर कलेक्टर द्वारा उक्त तीनों बी.एल.ओ. के विरूद्व निलम्बन की कार्रवाई की है।

 

 

प्रेस कॉन्फ्रेन्स आज

प्रेस कॉन्फ्रेन्स आज

रविवार दिनांक 30 नवम्बर 2008 को सांय 05.30 बजे माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण माननीय श्री ए.के. मिश्रा जिला न्यायालय परिसर स्थित अपने विश्राम कक्ष में प्रेस कान्फ्रेन्स को सम्बोधिति करेंगे।

 

विभिन्न स्थानों से 12 आवारा मवेशी पकड़े गये

विभिन्न स्थानों से 12 आवारा मवेशी पकड़े गये

ग्वालियर दिनांक 29 नवम्बर 2008:   मदाखलत विभाग के दस्ते ने अचलेश्वर रोड, इन्दरगंज, दौलतगंज, बाड़ा, दत्तमंदिर, सराफा बाजार, राममंदिर आदि क्षेत्रों से 12 आवारा मवेशी गैंग द्वारा पकड़वाकर खिड़क झांसी रोड में दाखिल करायी गई। मुरार, ठाटीपुर, गांधी रोड, स्टेशन बजरिया आदि क्षेत्रों से 8 आवारा मवेशी पकड़वाकर खिड़क झांसी रोड में कुल 20 मवेशी दाखिल करवायीं गई।

       सात न0 चौराहा, मुरार, मुरार थाना रोड, बारादरी चौराहा, कुम्हरपुरा, ठाटीपुर, गांधी रोड आदि स्थानों से अस्थायी अतिक्रमण हटवाये गये।

       पार्षद नरेन्द्र सिंह के शिकायत पत्र अनुसार क्षेत्र क्र. 6 के अंतर्गत शिकायत का निराकरण किया गया एवं उपयंत्री 6 के पत्रानुसार स्थल पर जाकर निर्माण कार्यों को बंद कराया गया।

       कार्यवाही के दौरान मदाखलत अधिकारी सत्यपाल सिंह चौहान, सहायक निरीक्षक राधेश्याम शर्मा, सुरेश शर्मा, अजय सक्सैना, दरोगा श्यामसुंदर एवं विजय माहौर समस्त स्टाफ के साथ उपस्थित रहे।

पथ प्रदर्शकों पर विज्ञापन चिपकाने वालों की खैर नहीं

पथ प्रदर्शकों पर विज्ञापन चिपकाने वालों की खेर नहीं

ग्वालियर दिनांक 29 नवम्बर 2008:   उपायुक्त मुरार द्वारा उपनगर मुरार क्षेत्र में निगम की सम्पत्तियों, पथ प्रदर्शन चिन्हों, रोड डिवाईडरों तथा दीवालों पर बालपेन्टिंग करने तथा पोस्टर चिपकाकर सम्पत्ति का विरूपण करने वाले व्यवसाईयों कोचिंग संस्थानों अपने उत्पादों का विज्ञापन करने वाले छोटे-छोटे व्यवसाईयों की सूची बनाकर फोटोग्राफी कराकर सम्पत्ति विरूपण के तहत कार्यवाही प्रांरभ की जा रही है। उक्ताशय की जानकारी उपायुक्त मुरार डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा जनसम्पर्क के माध्यम से प्रेस को जारी विज्ञप्ति में दी गई ।

       उन्होंने बताया कि विगत विधानसभा निर्वाचन के दौरान सम्पत्ति विरूपण में राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार की जांच के समय, क्षेत्र में ऐसे प्रकरणों को चिन्हित किया गया है जिनमें निगम की सम्पत्तियों विशेषकर पथ प्रदर्शन बोर्ड, निगम के विद्युत पोल तथा निगम सम्पत्तियों पर पोस्टर चिपकाकर शहर की सुंदरता को समाप्त करने का प्रयास किया गया है। ऐसे सभी व्यवसाईयों को दो दिवस के अंदर अपने पोस्टर तथा बॉल पेन्टिंग हटाने का निर्देश दिया गया है।

       यदि 2 दिवस के अंदर सम्पत्ति के इस विरूपण नहीं हटाया गया तो संबंधित व्यवसाईयों को नोटिस जारी कर उनके विरूध्द वैधानिक कार्यवाही जुर्माना इत्यादि कराया जावेगा।

उपायुक्त मुरार द्वारा ऐसे सभी व्यवसाईयों की सूची बनाने के निर्देश क्षेत्राधिकारियों को दिये है जिन्हाेंने निगम सम्पत्तियों पर बिना स्वीकृति के अपने विज्ञापन बालपेटिंग पोस्टर इत्यादि लगाकर किये हैं।

निगम शीघ्र ही वृक्षों पर तख्तियां ठोककर व्यवसाय करने वाले व्यवसाईयों के विरूध्द भी अभियान प्रांरभ करेगी।

 

गौशाला में गाय गोबर के कण्डों तथा गौमूत्र का उत्पादन शुरू

गौशाला में गाय गोबर के कण्डों तथा गौमूत्र का उत्पादन शुरू

ग्वालियर दिनांक 29 नवम्बर 2008:   नगर निगम गौशाला द्वारा शुध्द गायों से गोबर से बने कण्डों तथा गौमूत्र का व्यवसायिक उत्पादन प्रांरभ कर दिया है। निगम गौशाला द्वारा धार्मिक संस्थाओं तथा आयुर्वेद फार्मेसियों को पत्र लिखकर गौशाला में उत्पादित गौमूत्र एवं गोबर कण्डों के उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करायी है। उक्ताशय की जानकारी उपायुक्त गौशाला सुरेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा जनसम्पर्क के माध्यम से प्रेस को जारी विज्ञप्ति में दी गई।

       उन्होंने बताया है कि निगम गौशाला लाल टिपारा से गोबर के कण्डे 175/- रू. प्रति क्विटल तथा गौमूत्र 2 रू. लीटर विक्रय किया जा रहा है।

       ज्ञातव्य है कि गाय के गोबर के कण्डों की मांग शहर की विभिन्न धार्मिक संस्थाओं में हवन हेतु तथा आयुर्वेदिक फार्मेसियों में दवाओं के शोधन हेतु की जाती है तथा गाय का गौमूत्र विभिन्न बीमारियों के इलाज के साथ-साथ कीटनाशक एवं छिपकली चूहे इत्यादि भगाने के लिये मच्छरों से मुक्ति पाने के लिये किया जाता है।       

       नगर निगम ग्वालियर द्वारा हाल ही में प्रांरभ किये गये कण्डा उत्पादन में लगभग 50 क्विंटल गाय गोबर का कण्डा तैयार किया है तथा क्रेताओं की मांग पर 15 दिवस में भाग अनुसार कण्डा उपलब्ध कराये जाने हेतु निगम तैयार है।

       निगम गौशाला में उक्त उत्पादों के फुटकर एवं थोक क्रय हेतु गौशाला के सुपरवाईजर लक्ष्मीनारायण ऊंचिया के मोबाईल क्र. 98262-54604 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

 

विश्व एड्स दिवस पर एक दिसम्बर को जिला चिकित्सालय मुरार में रक्तदान शिविर

विश्व एड्स दिवस पर एक दिसम्बर को जिला चिकित्सालय मुरार में रक्तदान शिविर

ग्वालियर, 29 नवम्बर 08/ विश्व एड्स दिवस एक दिसम्बर 08 के अवसर पर जिला चिकित्सालय मुरार ग्वालियर में एड्स की जानकारी दी जावेगी तथा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जावेगा । सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने नागरिकों से अपील की है कि विश्व एड्स दिवस पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रक्तदान कर पीडित मानवता की सेवा का पुनीत कार्य करें ।

       आगामी एक दिसम्बर 08 को पूरे विश्व में ''एड्स दिवस'' के रूप में मनाया जाता है । एड्स का मतलब एक्वायर्ड इम्यूनो डेफीशिएन्सी सिड्रोम होता हैं जो कि, एच.आई.वी.(हयूमन इम्यूनो डेफीशिएन्सी वायरस) उस वायरस को कहते है जो इंसानों के अंदर बीमारी से बचाने वाली ताकत को कम कर देता है ।

       जिन व्यक्तियों में यह वायरस होता है उन्हें एच.आई.वी.पाजिटिव कहा जाता हैं अभी तक एच.आई.वी.को समाप्त करने की दवा नही है पर खोज जारी है । एच.आई.वी.एड्स एक व्यक्ति से दूसरे में पहुचने के,4 रास्ते है । एच.आई.वी.संक्रामित सिरिजों व सुईयो से, एच.आई.वी.संक्रामिंत रक्त चढ़ानें से, एच.आई.वी.संक्रामिंत महिला से उसके बच्चें को तथा गर्भावस्था में या प्रसव, दौरान किसी एच.आई.वी.संक्रामिंत व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से। ''एड्स दिवस'' पर ब्लड बैक जिला चिकित्सालय मुरार ग्वालियर में एड्स की जानकारी समस्त नागरिकों को प्रदान की जावेगी ,एवं एक रक्तदान शिविर का आयोजन ब्लड बैक जिला चिकित्सालय मुरार में सुबह 11 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया जायेगा । अत: जिले के समस्त महाविद्यालयों/राष्ट्रीय सेवा योजना/ स्काउट/समाजसेवी संस्थाओं से अपील है कि, विश्व एड्स दिवस पर अधिक से अधिक रक्तदान कर पीडित मानवता की सेवा का पुनीत कार्य करें ।

 

वृहद लोक अदालत आज सुलह एवं समझौते के आधार पर होगा निराकरण

वृहद लोक अदालत आज सुलह  एवं समझौते के आधार पर होगा निराकरण

ग्वालियर, 29 नवम्बर 08/ माननीय न्याय मूर्ति श्री एस.सम्वत्सर प्रशासनिक एवं पोर्ट फोलियो न्यायाधिपति के मुख्य आतिथ्य एवं माननीय न्यायामूर्तिगण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की उपस्थिति में वृहद लोक अदालत का शुभारम्भ 30 नवम्बर 08 को प्रात: 11 बजे जिला न्यायालय परिसर इन्दरगंज ग्वालियर में होगा ।

       राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर द्वारा 30 नवम्बर 08 को प्रात: 11 बजे जिला न्यायालय ग्वालियर में वृहद लोक अदालत का आयोजन किया गया है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ए.के.मिश्रा ने बताया कि इस लोक अदालत में समस्त प्रकार के दीवानी मामले, राजीनामा योग्य आपराधिक मामले, पारिवारिक विवाद, विद्युत चेक बाउन्स, मोटर दावा दुर्घटना प्रकरण, लोक उपयोगी सेवाओं आदि के सम्बन्ध में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों का निराकरण सुलह एवं समझौते के आधार पर किया जावेगा ।

 

भारतीय गंगा-जमुनी संस्कृति का परिचायक है - तानसेन समारोह

भारतीय गंगा-जमुनी संस्कृति का परिचायक है - तानसेन समारोह

भारतीय गंगा जमुनी संस्कृति का परिचायक तानसेन समारोह कलाकारों के लिए श्रध्दा का स्थान है । संगीतज्ञ इस समारोह में भाग लेकर तथा तानसेन की मजार पर श्रध्दासुमन और स्वरांजलि अर्पित कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं ।

संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में ग्वालियर में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह ने अपनी 83 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है । भारतीय संगीत के साक्ष्य बने इस समारोह की शुरूआत ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधव राव सिंधिया ने फरवरी 1924 में उर्स तानसेन के रूप में की थी। समारोह के प्रारंभिक वर्षों में इसमें मशहूर नृत्यांगनाएं भी भाग लेती थीं और नृत्य तथा गायन का क्रम अलग अलग छोल दरियों में रात भर चला करता था । संगीत सम्राट तानसेन की याद को ताजा रखने तथा संगीत विधा की तरक्की और प्रोत्साहन हेतु तत्कालीन महाराज माधवराव सिंधिया की पहल पर पहले उर्स तानसेन 7, 8 और 9 फरवरी 1924 को मनाया गया था । इसके लिए एक इन्तजामिया कमेटी थी, जो आज भी अस्तित्व में है । उस समय इस कमेटी को इस उर्स के लिए 600 रूपये दिए जाते थे । तब से ही इस त्रिदिवसीय समारोह का शुभारंभ हरिकथा तथा चादर चढ़ाने के साथ होता आया है ।

 स्वाधीनता के पश्चात इस समारोह के आयोजन की जिम्मेदारी राज्य शासन तथा आकाशवाणी ने संयुक्त रूप से ली । बाद में यह समारोह जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से आयोजित होता रहा और अब यह समारोह संस्कृति परिषद के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी (मध्यप्रदेश कला परिषद) के द्वारा आयोजित किया जाता है। इस समारोह को नया रूप प्रदान करने में तत्कालीन केन्द्रीय सूचना मंत्री डा. बालकृष्ण केसकर और आकाशवाणी में हिन्दुस्तानी संगीत के सलाहकार ठाकुर जयदेव सिंह ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई । राज्य शासन द्वारा इस समारोह को नई दिशा और गति देने के प्रयास निरंतर जारी हैं । सुर संगीत का यह अनोखा उत्सव तानसेन समाधि हजीरा पर आयोजित हो रहा है ।समारोह की अंतिम प्रात: कालीन संगीत सभा ग्वालियर से लगभग 45 किलोमीटर दूर तानसेन की जन्मस्थली बेहट में आयोजित होती है, जहां श्रेष्ठ कलाकार स्थानीय संगीत विद्यालयों के विद्यार्थियो के साथ जाकर संगीत सम्राट तानसेन को अपने श्रध्दा सुमन और स्वरांजलि अर्पित करते है ।

फरवरी 1924 से अब तक देश के लगभग सभी ख्यातिनाम संगीतज्ञों और कलाकारों ने इस आयोजन में कभी न कभी अपनी प्रस्तुति दी है और सभी ने इस स्थान की महत्ता को स्वीकारा है । भारत रत्न पंडित रविशंकर ने वर्ष 1989 के तानसेन समारोह में शामिल होने के बाद कहा था कि यहां एक जादू सा होता है, जिसमें प्रस्तुति देते समय एक सुखद रोमांच की अनुभूति होती है । उर्स के रूप में प्रारंभ हुआ यह समारोह वट वृक्ष की तरह संगीत प्रेमियों के हृदय में बस गया है।

 

ग्वालियर घराने के मूर्धन्य गायक पद्म भूषण स्व पंडित कृष्णराव शंकर पंडित के शब्दों में तानसेन समारोह के प्रारंभिक वर्षों में दूर दूर से कलाकार खुद ब खुद संगीत सम्राट तानसेन को श्रध्दांजलि देने आते थे और बिना कोई पारिश्रमिक लिए अपनी स्वरांजलि अर्पित करते थे । कभी कभी तो कलाकार अपना सम्मान लेकर पैदल तानसेन समाधि तक पहुंचते थे ।

मशहूर शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लिहाखां भी एक बार निजी यात्रा पर ग्वालियर आये और दिन भर की व्यस्तता के बाद उन्होनें रात दो बजे तानसेन की मजार पर पहुंचकर शहनाई वादन कर तानसेन को श्रध्दासुमन अर्पित किये । एक बार मशहूर पखावज वादक पागलदास भी तानसेन के उर्स के मौके पर श्रध्दांजलि देने यहां आये, लेकिन रेडियो के ग्रेडेड आर्टिस्ट नहीं होने के कारण उर्स में भाग नहीं ले सके । उन्होनें तानसेन की मजार पर ही बैठकर पखावज का ऐसा अद्भुत वादन किया, कि संगीत प्रेमी जन समारोह से उठकर उनके समक्ष जाकर बैठ गये ।

संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर के लिए कहावत प्रसिध्द है  कि यहां बच्चे रोते हैं, तो सुर में और पत्थर लुड़कते है तो ताल में । इस नगरी ने पुरातन काल से आज तक एक से बढकर एक संगीत प्रतिभायें संगीत संसार को दी हैं और संगीत सूर्य तानसेन इनमें सर्वोपारि हैं। ग्वालियर से लगभग 45 कि.मी. दूर ग्राम बेहट में श्री मकरंद पांडे के यहां तानसेन का जन्म ग्वालियर के तत्कालीन प्रसिध्द फकीर हजरत मुहम्मद गौस के वरदान स्वरूप हुआ था । कहते है कि श्री मकरंद पांडे के कई संताने हुई, लेकिन एक पर एक अकाल ही काल कवलित होती चली गई । इससे निराश और व्यथित श्री मकरंद पांडे सूफी संत मुहम्मद गौस की शरण में गये और उनकी दुआ से सन् 1486 में तन्ना उर्फ तनसुख उर्फ त्रिलोचन का जन्म हुआ, जो आगे चलकर तानसेन के नाम से विख्यात हुआ ।

तानसेन के आरंभिक काल में ग्वालियर पर कलाप्रिय राजा मानसिंह तोमर का शासन था । उनके प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र था, जहां पर बैजू बावरा, कर्ण और महमूद जैसे महान संगीताचार्य और गायक गण एकत्र थे, और इन्हीं के सहयोग से राजा मानसिंह तोमर ने संगीत की ध्रुपद गायकी का आविष्कार और प्रचार किया था । तानसेन की संगीत शिक्षा भी इसी वातावरण में हुई । राजा मानसिंह तोमर की मृत्यु होने और विक्रमाजीत से ग्वालियर का राज्याधिकार छिन जाने के कारण यहां के संगीतज्ञों की मंडली बिखरने लगी । तब तानसेन भी वृंदावन चले गये और वहां उन्होनें स्वामी हरिदास जी से संगीत की उच्च शिक्षा प्राप्त की । संगीत शिक्षा में पारंगत होने के उपरांत तानसेन शेरशाह सूरी के पुत्र दौलत खां के आश्रय में रहे और फिर बांधवगढ़ (रीवा) के राजा रामचन्द्र के दरबारी गायक नियुक्त हुए । मुगल सम्राट अकबर ने उनके गायन की प्रशंसा सुनकर उन्हें अपने दरबार में बुला लिया और अपने नवरत्नों में स्थान दिया ।

अकबर की कश्मीर यात्रा के समय सन् 1589 में लाहौर में इस महान संगीत मनीषी ने अपनी इह लीला समाप्त की और उनकी इच्छानुसार उनका शव ग्वालियर लाया गया और यहां प्रसिध्द सूफी संत मोहम्मद गौस की मजार के पास ही इस संगीत सम्राट को समाधिस्थ कर दिया गया ।

इस महान संगीतकार की समाधि पर सन् 1924 से प्रति वर्ष संगीतज्ञों का मेला लगता है, जहां देश के चोटी के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर संगीत सम्राट तानसेन को अपनी श्रध्दांजलि अर्पित करते हैं। संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा हिन्दुस्तानी संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले कलाकारों को सम्मानित करने के लिए सन् 1980 में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान की स्थापना की गई ।

 

शनिवार, 29 नवंबर 2008

29 केन्द्रों पर होगा पुनर्मतदान भिण्ड के सर्वाधिक 12 केन्द्र 30 नवंबर को होगा पुनर्मतदान सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी

29 केन्द्रों पर होगा पुनर्मतदान भिण्ड के सर्वाधिक 12 केन्द्र 30 नवंबर को होगा पुनर्मतदान सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी

भोपाल : 28 नवंबर, 2008

मध्यप्रदेश की 13वीं विधानसभा के चुनाव के लिए 27 नवंबर को हुए मतदान के दौरान प्रदेश में अधिकांश जगहों पर शांतिपूर्ण और निर्विघ्न मतदान हुआ लेकिन 30 ऐसे मतदान केन्द्रों की पहचान की गई जहाँ मतदान के दौरान विभिन्न कारणों से पुनर्मतदान की जरूरत समझी गई। इस सिलसिले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी है। इन जगहों पर 30 नवंबर को प्रात: 8.00 से शाम 5.00 बजे तक मतदान होगा। इन मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा और व्यापक तथा कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में 73 जगहों पर पुनर्मतदान हुआ था।

सर्वाधिक 12 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान भिण्ड जिले में होगा इनमें से 10 केन्द्रों के प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भेजे गये थे जबकि दो और केन्द्रों पर आयोग ने पुनर्मतदान के निर्देश दिये हैं। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक मुरैना जिले के सुमावली विधान क्षेत्र में दो केन्द्रों बागचीनी 30 और घूघस 81, मुरैना विधानसभा क्षेत्र के एक केन्द्र बस्तरपुर 185 और दिमनी विधानसभा क्षेत्र के तीन केन्द्रों मुडियाखेड़ा 55, मुडियाखेड़ा 56 तथा सुरजनपुर 72, सागर जिले के देवरी विधानसभा क्षेत्र में एक केन्द्र धुलतरा 146, टीकमगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ में एक केन्द्र गणेशगंज 14, खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में दो केन्द्रों टीला 69 और बछौड़ा 73, शाजापुर जिले के सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में एक केन्द्र नाहर खेड़ा 110, इंदौर जिले के इन्दौर (एक) विधानसभा क्षेत्र में एक केन्द्र यादवनंद नगर 32 और इन्दौर (चार) के एक केन्द्र लोधीपुरा 33, भिण्ड जिले के सर्वाधिक 12 मतदान केन्द्रों के तहत लहार विधानसभा क्षेत्र में बसंतपुरा (एक) 25, बसंतपुरा (दो) 26, डिमोल की मढैया 38, देवजूकापुरा 42, लहार 107, लहार 111, लहार 112, लहार 113, जैतपुरा 143, करियावली 158 और मतदान केन्द्र क्रमांक 53 और 97 तथा मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र मानपुरा 82, शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में देवरीखुर्द 101, जबलपुर जिले के जबलपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में एक केन्द्र लालकुऑ 166 और राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में एक केन्द्र नलखेड़ा 200 पर पुनर्मतदान होगा।

 

 

ग्वालियर जिले में 58.25 प्रतिशत मतदान सबसे अधिक मतदान भितरवार में एवं सबसे कम ग्वालियर पूर्व में

विधानसभा निर्वाचन 2008

ग्वालियर जिले में 58.25 प्रतिशत मतदान सबसे अधिक मतदान भितरवार में एवं सबसे कम ग्वालियर पूर्व में

ग्वालियर 28 नवम्बर 08। जिले के सभी छ: विधान सभा क्षेत्रों में गुरूवार को हुए मतदान में 5 लाख 72 हजार 997 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस प्रकार 58.25 प्रतिशत मतदाताओं ने ई व्ही एम के बटन दबाकर अपनी पसंद के विधान सदस्यों को चुनने के लिए अपने मत दर्ज कराये। उल्लेखनीय है कि जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 9 लाख 83 हजार 748 मतदाता हैं। विधानसभा के लिए बीते रोज हुए मतदान में सबसे अधिक मतदान भितरवार विधान सभा क्षेत्र में रहा, जहां 66.06 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले, जबकि ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम अर्थात 52.22 प्रतिशत मतदाता वोट डालने पहुंचे।

       जिला निर्वाचन  कार्यालय से से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण का मतदान प्रतिशत 60.03 रहा। यहां पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 65.43 प्रतिशत व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 53.34 प्रतिशत रहा। विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 15 ग्वालियर में 57.11 प्रतिशत मतदाता वोट डालने आये, जिसमें पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 58.94 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 54.88 प्रतिशत रहा। विधान सभा क्षेत्र 16 ग्वालियर पूर्व में 52.22 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 55.10 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 48.76 रहा। इसी तरह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 17 ग्वालियर दक्षिण में 55.06 प्रतिशत मतदाता वोट डालने आये और इसमें पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 58.77 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 50.69 रहा। विधानसभा  निर्वाचन क्षेत्र 18 भितरवार में मतदान का प्रतिशत 66.06 रहा, जिसमें पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 69.88 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 61.47है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 19 डबरा में 59.75 फीसदी मतदाता वोट डालने पहुंचे। इसमें पुरूष मतदाताओ का प्रतिशत 64.90 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 53.57 है।

       इस प्रकार जिले के विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण में एक लाख 50 हजार 112 मतदाताओं में से 90 हजार 118 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर में एक लाख 77 हजार 307 मतदाताओं में से एक लाख एक हजार 252, ग्वालियर पूर्व में एक लाख 75 हजार 567 मतदाताओं में से 91 हजार 673, ग्वालियर दक्षिण में एक लाख 64 हजार 249 में से 90 हजार 433, भितरवार में एक लाख 64 हजार 813 में से एक लाख 8 हजार 881 एवं विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा (अजा) में एक लाख 51 हजार 700 मतदाताओं में से 90 हजार 640 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।