अतिरिक्त बिजली खरीद का वितरण कम्पनियों के राजस्व से भुगतान नहीं
भोपाल 5 फरवरी 09। अल्पावधि की अतिरिक्त विद्युत खरीदी के कारण मण्डल की आर्थिक स्थिति खराब होने के संबंध में किए जा रहे भ्रामक प्रचार पर मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पिछले वर्षो की तरह इस वर्ष भी रबी सीजन के कारण आये अतिरिक्त विद्युत भार की स्थिति से निपटने के लिये समय-समय पर अतिरिक्त विद्युत की व्यवस्था मण्डल की कम्पनियों द्वारा की गयी, जिसके लिये राज्य शासन द्वारा मण्डल को वित्तीय सहायता दी जाती रही एवं वितरण कम्पनियों द्वारा लाये गये राजस्व से अतिरिक्त खरीदी गयी बिजली का कोई भुगतान नहीं किया गया। वहीं विद्युत विनिमय की समुचित व्यवस्था करते हुये अतिरिक्त विद्युत खरीदी पर खर्च होने वाले व्यय का भार भी कम्पनियों की बेलेन्स शीट पर नहीं आने दिया गया।
विद्युत मण्डल के सचिव श्री पी.के. वैश्य ने स्पष्ट किया है कि राज्य शासन से न सिर्फ सब्सिडी एवं फ्री बिजली के मद में पूरी राशि नगद प्राप्त की गयी, बल्कि इनजीर् बिल के जरिये इकटठी की गयी डयूटी एवं सेस की राशि भी राज्य शासन को वापस नहीं की गयी। इसके अतिरिक्त इस लेखा वर्ष में राज्य शासन द्वारा अब तक 650 करोड़ रूपये से भी अधिक की कार्यशील पूंजीगत ऋण विद्युत मण्डल को उपलब्ध कराये जा चुके हैं। टेडिंग कम्पनी द्वारा बैकिंग प्रणाली के तहत लगभग 500 मिलियन यूनिट विद्युत बिना किसी पैसे के भुगतान के अतिरिक्त व्यवस्था भी की गयी। राज्य शासन द्वारा विभिन्न विद्युत परियोजनों को पूर्ण करने के हेतु मण्डल की विभिन्न कम्पनयिों को सैकड़ों करोड़ रूपये की पूंजीगत अथवा गैर पूंजीगत राशि भी इस वर्ष उपलबध कराई गई है।
विद्युत मण्डल के सामने समस्या यह है कि उपभोक्ताओं से प्राप्त राजस्व, नियमित खर्चे एवं वेतन का भुगतान करने के लिये पर्याप्त नहीं होता है। खर्च के अनुरूप राजस्व प्राप्ति नहीं होने के मुख्य कारणों में टैरिफ का कम होना है, इस वर्ष बारिश कम होने के कारण हायडल जनरेशन की लागत बढ़ना, कोयले के मूल्य में लगातार वृध्दि होना, लाईन लॉसेस में अपेक्षानुसार कमी नहीं आना, बिलिंग के अनुसार राजस्व वसूली न होना इत्यादि कारण रहे हैं। जिसके कारण मण्डल को प्रतिमाह अपने आवश्यक भुगतान एवं वेतन भुगतान हेतु राज्य शासन से मदद मांगनी पड़ती है। सीमित साधनों के होते हुये भी राज्य शासन द्वारा मण्डल की लगातार मदद की जाती रही है।
श्री वैश्य ने कहा कि विद्युत मण्डल के अन्तर्गत सभी कम्पनियों का कामकाज सुचारू रूप से चले एवं कर्मचारियों को समय पर वेतन मिले, इसके लिये यह आवश्यक है कि राजस्व वसूली में तेजी लाई जाए, बिजली चोरी को रोका जाए एवं बिजली का दुरूपयोग न होने दिया जाए। विद्युत मण्डल ने सभी उपभोक्ताओं से पुन: अपेक्षा की है कि वे इस कार्य में विद्युत वितरण कम्पनियों को हर सम्भव सहयोग प्रदान करें।
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