बुधवार, 5 नवंबर 2008

निगम की विघुत वितरण कम्पनी पर कोई देनदारी बकाया नही

निगम की विघुत वितरण कम्पनी पर कोई देनदारी बकाया नही

ग्वालियर दिनांक 4 नवम्बर 2008:    ग्वालियर नगर निगम ग्वालियर पर विघुत मण्डल का कोई राशि बकाया नही उल्टे नगर निगम विधुत मण्डल को 90.18 लाख की राशि अधिक व्यय कर चुका है जिसका भुगतान भविष्य के दिनों में समयोजित किया जावेगा । उक्त आशय की जानकारी निगमायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा द्वारा मध्य प्रदेश विघुत वितरण कम्पनी के लिमिटेड के मुख्य अभियंता एस.एल गुप्ता को उनके दिनांक 13.10.08 के विघुत बिल तथा स्थानीय समाचार पत्र के दिये गये बकाया राशि के संबध में जारी वयान के संबंध में पत्र लिखकर दी गई ।

हाल ही में विघुत वितरण कम्पीन लिमिटेड द्वारा एक स्थानीय समाचार पत्र में दी जानकारी में बताया गया कि नगर निगम की  मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी पर करोडो की वकायादारी है, जब की वस्तुस्थिति इस प्रकार है कि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी से संबंधित जो स्ट्रीट लाईट एवं विद्युत के देयक निगम के अधीनस्थ कार्यालयों में प्रस्तुत किये गये है उसके अनुसार निगम मुख्यालय में वर्ष 2006-07 में 1108.00, वर्ष 2007-08 में 949.77, वर्ष 2008-09 में माह अगस्त तक 344.02 कुल राशि रूपये 2401.79 लाख के देयक प्रस्तुत किये गये हैं जबकि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा  रूपये 3310.11 लाख के देयक अगस्त माह तक जारी होना बताया गया है। इस प्रकार निगम और विद्युत विभाग से जारी देयकों के आंकड़ो में रूपये 908.32 लाख का अंतर है। ये देयक अधीनस्थ कार्यालयों से सत्यापित होकर प्राप्त नहीं हुये हैं।

(02) मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी     द्वारा वर्ष 2006-07 के आरंभ में रूपये 475.81 लाख का बकया बताया गया है जबकि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी के भोपाल स्थित मुख्यालय द्वारा जारी सूची अनुसार निगम के 01/04/2006 की स्थिति में पूर्व बकाया 323.04 लाख सूचित हुआ था। इस प्रकार मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी के पास बकाया में रूपये 152.77 लाख का अंतर है। निगम अभिलेखों के अनुसार पूर्व बकाया 323.04 एवं निगम मुख्यालय में प्राप्त देयक 2401.79 कुल रूपये 2724.83 लाख की राशि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी देना निकलती है।

 

       नगर निगम ग्वालियर द्वारा मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी को 1100.41 लाख का नगद भुगतान एवं चुंगी क्षतिपूर्ति से शासन स्तर पर 1407.82 लाख किया गया है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा लीजरेंट 306.78 लाख नहीं जोड़े गये हैं, इस राशि को मिलाकर नगर निगम ग्वालियर की ओर से मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी पर रूपये 2815.01 लाख की राशि पहुॅच चुकी है। इस प्रकार निगम की पूर्व बकाया 2724.83 में से 90.18 लाख रूपये की अधिक राशि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी पर पहुॅच चुकी है। लीजरेंज के संबंध में मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी का यह कहना कि उन पर मात्र 4.94 लाख रूपये देय होता है सही नहीं है, क्यों कि लीजडीड उनके आवेदन पर परिषद द्वारा निर्धारित दराें पर आवंटित की गई थी, यदि विद्युत कम्पनी को उक्त लीजों की आवश्यकता नहीं थी तो उन्हें यथा समय समर्पित करना था जो मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा नहीं किया गया, इससे जहॉ एक ओर निगम को राजस्व कीहानि हुई है वहीं उक्त भूमि का सार्वजनिक हित में निगम द्वारा उपयोग नहीं किया जा सका, इस कारण अर्ध्दन्यायिक सिध्दांत के आधार पर मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा समर्पित न की गई लीजों की आज दिनांक तक लीजरेंट एवं प्रीमियम देने का दायित्व बनता है।

 

       उपरोक्त से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी और निगम के आंकड़ों में अंतर है। जिसका मुख्य कारण मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा जो रूपये 908.32 लाख अधिक की डिमांड बताई गई है वह वास्तव में देय नहीं है क्यों कि वर्तमान में माह अगस्त के बाद भी उतनी ही राशि के औसतन बिल जारी किये जा रहे हैं जो पूर्व में किये जाते थे। जहॉ तक सरचार्ज का प्रश्न है तो वह निगम द्वारा देय नहीं है क्यों कि चुंगी क्षतिपूर्ति से शासन स्तर पर जो कटोत्रा हो रहा है वह नियत तिथि से पूर्व हो जाता है, वहीं नगद भुगतान मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी को नियमित रूप से किया जा रहा है। इस कारण मध्यप्रदेश विघुत वितरण कम्पनी द्वारा मांगा गया सरचार्ज रूपये 122.24 लाख मान्य योग्य नहीं है।

       निगमायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा ने मध्यप्रदश कम्पनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत डिमाड औरवसूली में भिन्नता के लिये दोनो विभागो के इजीनियरों को बैठ कर निराकरण करने के निर्देश दिये है ।

 

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