गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

घरेलू हिंसा एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु कार्यशाला और जन सुनवाई सम्पन्न

घरेलू हिंसा एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु कार्यशाला और जन सुनवाई सम्पन्न

ग्वालियर 4 फरवरी 09 / आज यूनीसेफ के तत्वावधान में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य प्रबन्धन एवं संचार संस्थान में घरेलू महिलाओं का शोषण और हिंसा तथा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये कार्यशाला सम्पन्न हुयी । कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि स्त्री गृहस्थी रूपी रथ की सारथी है । उसे प्रथम दर्जे का  नागरिक माना जाना चाहिये ।

       उन्होने कहा कि समाज और परिवार में महिलाओं का महिलाओं द्वारा शोषण चिंता का विषय  है । घरेलू हिंसा और भ्रूण हत्या के लिए मुख्य रूप से सास ही जिम्मेदार है । महिलायें त्याग सहनशीलता, तपस्या और धैर्य की प्रतिमूर्ति हैं । उन्हें अपने आप पर विजय प्राप्त करना होगी।

       इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुये राज्य सभा सदस्य श्रीमती माया सिंह ने कहा कि राज्य शासन ने महिलाओं के कल्याण के लिये अनेक योजनायें बनाई हैं । महिलाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना,जननी सुरक्षा योजना, मजदूर सुरक्षा योजना, छात्रवृति, रोजगार गारण्टी योजना, पोषण आहार, टीकाकरण आदि योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने के लिये  आगे आना चाहिये ।

       उन्होने कहा कि हमारे समाज में कन्या भ्रूण हत्या के कारण लड़कियों की संख्या कम हो रही है । ग्वालियर-चम्बल संभाग में 1000 पुरूषों पर मात्र 935 स्त्रियाँ हैं । पंजाब हरियाणा और दिल्ली में यह अनुपात और भी चिन्ता जनक है । कन्या भ्रूण हत्या का मुख्य कारण दहेज है । दहेज प्रथा समाप्त होनी चाहिये  महिलाआं को समाज में समान दर्जा मिलना चाहिये । 

       इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कृष्णकान्ता तोमर ने कहा कि महिला आयोग द्वारा जिलों में जाकर बैंचों का आयोजन कर दोनों पक्षों की सुनवाई करके महिलाओं की समस्याओं का  निराकरण करने की अनूठी पहल की गयी है । उन्होने कहा कि आजादी के बाद महिलाओं में साक्षरता का प्रतिशत 9 से बढ़कर अब 53 प्रतिशत हो गया है । महिलाओं पर हिंसा बन्द होनी चाहिये तथा भ्रूण हत्या के खिलाफ कारगर अभियान की जरूरत है । महिलाओं को शासन की योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिये ।

       इसा अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती सुषमा जैन ने कहा कि मत-मतान्तर के कारण विवाद होता है । विवाद का कारण दहेज भी है । महिलायें ही महिलाओं के खिलाफ षडयन्त्र रचती है । महिलाओं का संरक्षण, अशिक्षा और शोषण से मुक्ति जरूरी है । इस मौके पर कानूनविद् डा.एस.के.गुप्ता ने कहा कि पी.एन.डी टी.ऐक्ट में कन्या भ्रूण हत्या करने पर कठोर कारावास का प्रावधान है । इसी प्रकार घरेलू हिंसा के खिलाफ कठोर कानूनी प्रावधान हे । इस अवसर पर मीनाक्षी ताई ने महिलाओं को हिंसा, शोषण, अन्याय से मुक्ति दिलाने की अपील की ।

       इस अवसर पर डा. श्रीमती आशा माथुर ने कहा कि समाज में महिलाओं द्वारा महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है । महिलाओं के संरक्षण में महिला संगठनों को आगे आना चाहिये । महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को बक्शा नहीं जाना चाहिये । जागरूकता एवं सक्रियता से महिलाओं पर अत्याचार रोका जा सकता है ।

       कार्यक्रम को श्रीमती रेखा शेट्टी ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आशा सिंह ने किया । कार्यक्रम के अन्त में सभी अतिथियों को अध्यक्ष राज्य महिला आयोग श्रीमती कृष्णकान्ता तोमर ने  स्मृति चिन्ह भेंट किये ।

 

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