ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखकर ग्रामीण अंचल में पेयजल के पुख्ता इंतजाम करें-कलेक्टर
समीक्षा बैठक में मैदानी अधिकारियों को निर्देश
ग्वालियर, 4 फरवरी 09 / समस्यामूलक गाँवों में पहले से ही नए स्त्रोत विकसित कर पेयजल के पुख्ता इंतजाम करें, जिससे ग्रीष्मकाल में इन ग्रामों में पेयजल परिवहन की नौबत न आये । यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों को दिए हैं । ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण अंचल की पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ बनाये रखने के मकसद से यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में बुधवार को बुलाई गई बैठक में कलेक्टर ने कहा कि समस्यामूलक गाँवों में पेयजल के निजी स्त्रोतों को भी चिन्हित कर लें,जिससे जरूरत पड़ने पर इन पेयजल स्त्रोतों को अधिग्रहण कर पयेजल आपूर्ति की जा सके। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री आर.एल.एस.मौर्य व अधीक्षण यंत्री विद्युत सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री व उप यंत्री मौजूद थे ।
जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने ग्रामीण अंचल में मंजूर नवीन नल-जल योजनाओं की समीक्षा की और अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की । उन्होंने अधीक्षण यंत्री विद्युत को भी हिदायत दी कि जिन नल-जल योजनाओं का काम पूरा हो गया है, उन्हें तत्परता से विद्युत कनेक्शन से जोड़े ताकि यह योजनायें पेयजल आपूर्ति करने लगें । कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये कि अधूरी नल-जल योजनाओं में पाइप लाइन बिछाने आदि काम पूरा करने के साथ-साथ विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने की कार्रवाई भी समानान्तर रूप से की जाये । उन्होंने नवीन खनित हैण्डपम्पों में उपकरण लगाने और शेष मंजूर हैण्डपंप जल्द खनित कराने को कहा । श्री त्रिपाठी ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा कि जिन ग्राम पंचायतों की नल-जल योजनाओं के बिल बकाया होने से विद्युत कनेक्शन कटे हैं उन्हें चालू कराने के लिए राशि जमा करायें । हर विकास खण्ड मुख्यालय पर हैण्डपम्प संधारण के लिए उपकरणों का पर्याप्त भंडारण रखने एवं हैन्डपम्प मिकेनिकों की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश भी बैठक में कलेक्टर ने दिए ।
बैठक में बताया गया कि जिले के विभिन्न ग्रामों में 112 नवीन नल-जल योजनायें मंजूर हुईं थीं, जिनमें से 56 का कार्य पूर्ण हो चुका है । इसी तरह साडा के सहयोग से 26 नल जल योजनायें मंजूर हुई थी, जिनमें से 24 पूर्ण हो चुकी हैं । बैछक में बताया गया कि ग्रामीण अंचल में पेयजल के लिए वर्तमान में पांच हजार 712 हैण्डपम्प क्रियाशील है ।
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