अब अजा की कला प्रतिभा को बढ़ावा, मिलेगा राज्य सम्मान, संत कबीर पुरस्कार कायम, साहित्य, कला और रंगकर्म में एक-एक लाख
भोपाल 8 फरवरी 09 । राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्गों को विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ावा देने के साथ ही अब उनकी कला और साहित्य प्रतिभा को भी नवाजने जा रही है। उन्हें यह पहचान देने के लिए राज्य स्तरीय संत कबीर पुरस्कार कायम किया गया है। साहित्य, कला और रंगकर्म में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए जाने वाले इस पुरस्कार के तहत पृथकत: एक-एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मूल रूप से रहने वाले और यहीं पर घोषित अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति को यह पुरस्कार दिया जाएगा। यह सालाना पुरस्कार इन तबकों की ही प्रतिभाओं को अनुसूचित जाति के हितों में उत्कृष्ट कार्य या सेवा के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार के लिए व्यक्तियों का चयन राज्य सरकार द्वारा कायम एक जूरी करेगी। एक व्यक्ति को जीवन में एक ही बार यह पुरस्कार मिलेगा। यह भी साफ किया गया है कि उपरोक्त पुरस्कार के लिए किसी अजा व्यक्ति के उपयुक्त नहीं पाये जाने पर अन्य किसी को यह पुरस्कार नहीं मिलेगा। इसी तरह यह संयुक्त रूप से नहीं दिया जाएगा और एक से ज्यादा व्यक्ति को पुरस्कार देने के जूरी के फैसले को भी मान्य नहीं किया जाएगा।
इस सिलसिले में गठित की जाने वाली पांच सदस्यीय जूरी में आयुक्त अजा विकास सदस्य सचिव, संचालक संस्कृति सदस्य और कला, साहित्य और रंगकर्म विधाओं के कुल तीन विशेषज्ञ भी सदस्य रहेंगे। जूरी का कार्यकाल एक साल का रहेगा।
ये पुरस्कार सरकारी या अर्ध्दशासकीय अधिकारी, कर्मचारी या दैनिक वेतन भोगी को प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। केवल निजी व्यक्तियों को ही ये पुरस्कार दिए जाएंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें