मेलों में अलबेला ग्वालियर का मेला, मेले में जनसंपर्क विभाग की आकर्षक प्रदर्शनी दर्शनीय
ग्वालियर 30 जनवरी 09। सन् 1905 से लगने वाला ग्वालियर व्यापार मेला 104 वर्ष पुराना होने के साथ इस समय पूरे शबाब पर है। मेले में सुई से लेकर के ऑटोमोबाइल वाहन, बच्चों की मिनी ट्रेन तथा बडे-बड़े इलेक्ट्रोनिक सामान भी बिक रहे हैं। मेले में जूते, कपड़े से लेकर तरह तरह के खाने-पीने के सामान वाजिब मूल्य पर उपलब्ध है। यह मेला ''लघु भारत'' की तस्वीर पेश कर रहा है कयोंकि मेले में उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश के अन्य जिलों, जम्मू और कश्मीर सहित अनेक प्रदेशों के स्टॉल लगाये गये हैं।
मेले में कृषि, जनसंपर्क, पशुपालन उद्योग, स्वास्थ्य, खादी एवं ग्रामोद्यद्योग, कंबलकेन्द्र ग्वालियर, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग,शराब मुक्ति आंदोलन, एड्स मुक्ति आंदोलन, कैंसर मुक्ति आंदोलन, मेला विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, ऊर्जा विकास निगम द्वारा भी आकर्षक प्रदर्शनी लगाकर सैलानियों को आकर्षित किया जा रहा है।
मेले में जनसंपर्क विभाग द्वारा भी आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में लाडली लक्ष्मी योजना, अन्नपूर्णा योजना, मजदूर सुरक्षा योजना, दीनदयाल चलित औषधालय योजना, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना पर केन्द्रित फोटो एवं फिल्म मुफ्त में दिखाई जा रही है। प्रदर्शनी को देखने के लिये शाम को सैलानियों की अच्छी भीड़ एकत्रित हो जाती है।
मेलों में बच्चों के लिये झूले और मिनी ट्रेन तथा खेल-कूद के सामान और चकरी के अलावा खाने-पीने की होटलों, भोजन, नास्ता एवं जूस सेंटर तथा मिठाइयों की भरमार है। मेले में बैटरी चालित दुपहिया वाहन भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इन वाहनों में न धुआं न प्रदूषण न लाइसेंस और न ही पेट्रोल की जरूरत पड़ती है तथा इन्हें चलाने पर नाम मात्र का खर्च आता है। ये वाहन थोड़ा धीमे चलते हैं तथा मात्र शहरी क्षेत्र के लिये उपयुक्त हैं।
मेले में सबसे बडा बाजार इलेक्ट्रोनिक सामान का है। जिसमें टी वी, ए.सी., कूलर, फ्रिज, वाशिंग मशीन तथा मोबाइल आदि की हजारों वेराइटी मौजूद है। मेले में खरीदी बिक्री के अलावा घूमने और खाने पीने के लिये भी सैलानी मेले में आ रहे हैं। मेले में टू व्हीलर, फोर व्हीलर और शासकीय वाहनों की पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।
मेले में शिक्षा की निजी एजेन्सियों द्वारा भी स्टॉल लगाये गये हैं, जो इस अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा युग में एम. बी. ए, एम. बी. बी. एस, एम. एस, एम. डी, बी. डी. एस, बी. सी. ए., डिग्री हासिल करने के लिये जानकारी पता और फोन नम्बर, संपर्क सूत्र और शॉर्टकट बताये जा रहे हैं। इन स्टालों पर भारत के अलावा यूक्रेन, रूस, और न्यूजीलैंड के अलावा यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के लिये तकनीकी शिक्षा के सीधी भर्ती की जानकारी दी जा रही है। ये स्टॉल विद्या से विनय, विनय से पात्रता पात्रता से धन और धन से धर्म पालन की शिक्षा दे रहे हैं।
मेले हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति के संवाहक हैं तथा सम्मिलन व मनोरंजन के बहुत बड़े केन्द्र हैं। दैनिक जीवन से बोरियत महसूस करने वालो के लिये इस बसंत ऋतु में आनंद उठाने के लिये जनता को एक बहुत अच्छा मौका है। सभी आश्रमों में ''गृहस्थ आश्रम'' को सर्वोत्तम बताया गया है। यह मेला गृहस्थ आश्रम की ''ए टू जेड'' चीजें मुहैया कराता है। सैलानी परिवार बड़ी संख्या में मेले का आनंद उठा रहे हैं। इस मेले की सबसे बडी उपलब्धि, प्रासंगिकता, और उपादेयता यही है, इसीलिये यह मेला जीवित है और दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। जनता जनार्दन का विश्वास ही इस मेले की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मेला तो एक दिन खत्म हो जायेगा, मगर स्मृति पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ जायेगा।
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