आकाशवाणी मेला मार्ग आज से पंचम सिंह पहाडगढ मार्ग होगा
ग्वालियर दिनांक 31.01.2009- स्व. राजा पंचम सिंह पहाड़गढ एक उच्च श्रेणी के समाज सेवक होकर सन 1937 से 1945 तक लश्कर नगर पालिका के अध्यक्ष तथा 1960 में नगर निगम ग्वालियर के महापौर रहे । इस दौरान उन्होने शहर में सडकों का चौंडीकरण, सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना तथा सार्वजनिक नल लगवाने के साथ शहर को कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम जैसा ख्यातिप्राप्त खेल प्रांगण उपलब्ध कराया। उनके द्वारा शहर में लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के लिये भूमि उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया गया । शहर विकास में उनके इस उल्लेखनीय योगदान के लिये नगर निगम ग्वालियर द्वारा आकाशवाणी तिराहे से मेला रोड जाने वाले नवनिर्मित मार्ग का लोकार्पण उनके नाम पर करते हुये नगर निगम गौरव का अनुभव कर रही है । उक्त उद्गार महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा आज आकाशवाणी से मेला मार्ग का नामकरण राजा पंचम सिंह पहाडगढ के नाम पर करते समय व्यक्त किये । उक्त सडक का नामकरण पटिटका का अनावरण्ा शहर के वयोवृद्व समाजसेवी तथा स्वतत्रंता संग्राम सेनानी कक्का डोंगर सिंह के हाथों से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कराया ।
उन्होने कहा कि राजा पंचम सिंह पहाडगढ का स्मरण करते हुये कक्का डाेंगर सिंह द्वारा कहा गया कि वे साम्प्रदायिक सद्भाव की मिशाल थे। भारत-पाक के विभाजन के समय उन्होने पहाडगढ में रिफ्यूजी केम्प स्थापित किया तथा पंजाबी परिवारों को बसाया । उनके कार्यकाल में देश में सबसे पहले पहाडगढ क्षेत्र में 1927 में बेगार प्रथा का अन्त कर न्यूनतम मजदूरी की दरें तय की गई । उन्होने कहा कि राजा पंचम सिंह द्वारा अपने जीवनकाल में अनेक महत्वपूण्र्[1]ा सामाजिक पदों पर सेवायें दी जिनमें मध्यप्रदेश पशु रक्षण बोर्ड, सोल्जर बोर्ड, अध्यक्ष रिफ्यूजी केम्प, अध्यक्ष थियोसोफिकल सोसाइटी राजपूत हितकारिणी सभा अध्यक्ष मध्यप्रदेश ट्रान्सपोर्ट एसोसियेशन, अध्यक्ष अन्ध आश्रम एवं अनाथ आश्रम भी रहे । राजा पंचम सिंह ग्वालियर रियासत में ओनरेरी लेफ्टिनेन्ट कर्नल भी रहे । उनको स्मरण करते हुये कक्का डोंगर सिंह ने कहा कि स्वयं पहलवान होते हुये भी उन्होने अपने महापौर काल में शहर मे विभिन्न खेल विद्याओं को आगे बढाया । सामाजिक चेतना के लिये उन्होने ग्वालियर शहर से वेश्याओं के बाजारों को शहर के बाहर पहुचाया । इतना ही नही 1944 में स्वप्रेरणा से अपना राजपाठ छोडकर राजा के स्थान पर भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर स्वयं नीचे बैठकर राजकाज चलाया। वे फील्ड मार्शल करिअप्पा के साथ मध्य भारत ओलम्पिक एसोसियेशन के संचालक सदस्य भी रहे ।
राजा पंचम सिंह की स्मृतियों को बताते हुये उन्होने कहा कि वे अचूक निशानेबाज थे। उनकी निशानेबाजी कला से प्रेरित होकर अनेक महत्वपूर्ण हस्तियॉ पहाडगढ आई जिनमें मार्शल टीटो, जनरल थिगइया, नेपाल नरेश ईरान के शाह, लार्ड माउण्टवेटन इत्यादि थे ।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि राजा पंचम सिंह के शहर में दिये गये उल्लेखनीय योगदानों के लिये आज नगर निगम द्वारा उनके जन्मदिवस के अवसर पर आकाशवाणी से मेला जाने वाली नवनिर्मित मार्ग का नाम उनके नाम पर लोकार्पित किया गया । इस अवसर पर कक्का डोंगर सिंह के साथ महापौर विवेक नारायण शेजवलकर मेयर इन काँसिल की सदस्या हेमलता भदौरिया, पार्षद ऋतु शेजरवार, मीना तिवारी, विनोद अष्टइया, नरेन्द्र सिंह निगम के अधीक्षण यंत्री चतुर सिंह यादव, उपयंत्री केशव चौहान, सहायक आयुक्त श्याम करे, जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव उपस्थित थे ।
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