निशक्तजनों के कल्याण कार्य अभियान चलाकर करें - डॉ. कोमल सिंह
ग्वालियर 18 मई 09। स्वपरायणता (ऑटिज्म), सेरीब्रल पालसी, मानसिक मंदता एवं बहुनिशक्तता से बचाव हेतु बच्चों की जांच के कार्य को प्राथमिकता से करें। जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र की सेवाओं को प्रभावशाली बनावें। निशक्तजनों की पहचान, उपचार और प्रशिक्षण जैसे कामों में लगे स्वयं सेवियों तथा अशासकीय संगठनों को जिला पंचायत के माध्यम से एकजुट करते हुए निशक्तजनों के कल्याण सम्बन्धी कार्यक्रमों को अभियान चलाकर किया जाये। यह निर्देश संभागायुक्त ग्वालियर डॉ. कोमल सिंह ने आज यहां निशक्तजनों की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन सम्बन्धी शासकीय अधिकारियों की बैठक में दिये। बैठक में उपयुक्त श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विनोद शर्मा, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा सहित संयुक्त संचालक चिकित्सा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा नगर निगम के नुमाइन्दे, प्रभारी जिला पंचायत अधिकारी एवं इस क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संगठन '' परवरिश' के नुमाइन्दे भी उपस्थित थे।
'परवरिश' के नुमाइन्दों ने वर्ष 2008 में रेण्डम विधि से नगर के 24 वार्डों में लगभग 39 प्रतिशत जनसंख्या का सर्वेक्षण किया था। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। सर्वेक्षण में 3.8 प्रतिशत निशक्तता ग्रस्त पाये गये। संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह ने निशक्तों के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कल्याणकारी प्रयासों को गति देने की बात कही। उन्होंने इस दिशा में छोटे बच्चों की जांच के काम को सबसे प्राथमिकता से करने को कहा ताकि निशक्तता की शीघ्र पहचान कर उपचार अथवा थैरेपी प्रारंभ की जा सके।
संभागायुक्त ने निशक्तजनों के सर्वे, प्रमाण पत्र आदि के लिये एकल खिड़की प्रणाली को मजबूत बनाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में राज्य शासन के निर्देशानुसार निर्धारित दिवस पर सभी विभागों के अधिकारियों का बोर्ड संयुक्तरूप से बैठकर प्रकरणों का निराकरण करे। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विनोद शर्मा को इस दिशा में नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिये।
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