बुधवार, 13 मई 2009

छात्रवृत्ति वितरण के भौतिक सत्यापन के लिये जाँच अधिकारी नियुक्त

छात्रवृत्ति वितरण के भौतिक सत्यापन के लिये जाँच अधिकारी नियुक्त

ग्वालियर 12 मई 09। जिले के विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति वितरण की जांच की जायेगी। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने इसके लिये संस्थावार 25 जांच अधिकारी नियुक्त कर दिये हैं। जांच अधिकारियों को छात्रवृत्ति वितरण का भौतिक सत्यापन और निर्धारित मापदण्डों के अनुसार निरीक्षण कर अपने प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला कार्यालय में भेजने के लिये निर्देशित किया गया है। ज्ञात हो अशासकीय संस्थाओं की छात्रवृत्ति स्वीकृति एवं भुगतान के लिये शासकीय संस्था के प्रमुख को पूर्व में ही नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है। जांच अधिकारियों द्वारा खासतौर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भौतिक सत्यापन किया जायेगा।

       जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा छात्रवृत्ति वितरण की जांच के लिये चेक लिस्ट निर्धारित की है। जांच अधिकारियों से कहा गया है कि विद्यार्थियों के अभिलेखों की जांच में देखें कि मूल टी सी. संस्था के पास उपलब्ध है कि नहीं। विद्यार्थी मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो और स्थायी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ही उसे छात्रवृत्ति प्रदान की की गई हो। पिता/पालक का वार्षिक आय प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के अभिभावक की वार्षिक आय सीमा एक लाख रूपये तक होने पर ही विद्यार्थी को छात्रवृत्ति एवं पूरी फीस की पात्रता होगी। यदि इस वर्ग के विद्यार्थियों के पालकों की आय सीमा एक लाख से अधिक और एक लाख 20 हजार रूपये तक हो तो पूरी फीस की पात्रता तो होगी, लेकिन छात्रवृत्ति की पात्रता नहीं होगी। एक लाख 20 हजार रूपये से अधिक परन्तु तीन लाख रूपये तक आय होने पर केवल आधी फीस की पात्रता होगी। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को पालक की वार्षिक आय 75 हजार रूपये तक होने पर छात्रवृत्ति एवं फीस की पात्रता होगी। जांच के बिन्दुओं में यह भी स्पष्ट किया गया है कि संस्था मे प्रवेश के समय छात्र द्वारा दर्शाया गया पालक/पिता का व्यवसाय और छात्रवृत्ति अभिलेखों में दर्शाये गये पालक के व्यवसाय एक ही हों, ताकि यह ज्ञात हो सके कि व्यवसाय बदलकर गलत आय प्रमाण पत्र तो नहीं बनवाया गया। अशासकीय संस्थाओं को जिस पाठयक्रम के लिये शासन द्वारा मान्यता प्रदाय की गई है, उसी पाठयक्रम एवं उसी सत्र के लिये छात्रवृत्ति /फीस की पात्रता होगी। जांच अधिकारियों से कहा गया है कि वे जांच के दौरान यह भी देखें कि विद्यार्थियों की संख्या के मान से संस्था के पास पर्याप्त भवन है कि नहीं, जिससे यह पता लग सके कि संबंधित विद्यार्थी नियमित हैं या फिर नहीं।

 

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