शनिवार, 2 मई 2009

भूजल की उपलब्धता वाले स्थानों पर नलकूप खनन किये जायें- कलेक्टर

भूजल की उपलब्धता वाले स्थानों पर नलकूप खनन किये जायें- कलेक्टर

ग्वालियर 2 मई 09। जिले में जहाँ भूजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो, उसी स्थान पर नलकूप खनन किये जायें। ये निर्देश आज यहां कलेक्टर कार्यालय में आयोजित पेयजल व्यवस्था के लिये गठित समिति की बैठक में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने दिये। बैठक  में समिति द्वारा जिले में कुल 70 नलकूप खनन की स्वीकृति प्रदान की गई। इस अवसर पर एस डी एम. श्री आदित्य सिंह तोमर, श्री शिवराज सिंह वर्मा एवं श्री अनिल व्यास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री आर एल एस. मौर्य, नगर निगम ग्वालियर के उपायुक्त तथा जिले की नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपस्थित थे।

       उल्लेखनीय है कि आदर्श आचरण संहिता की अवधि में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल समस्या के समाधान के लिये विभागों से प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षण और इस आधार पर नवीन नलकूप एवं हैण्डपंप आदि के उत्खनन की स्वीकृति के लिये जिले में समिति गठित की गई है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की दोनों समितियाँ जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित की गई है। समिति की बैठक में जिले के लिये कुल 70 नलकूप खनन का प्रस्ताव रखा गया। इसमें 50 नलकूप नगरीय क्षेत्र के लिये एवं 20 नलकूप ग्रामीण क्षेत्र के लिये शामिल हैं। इन प्रस्तावों को समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वीकृत नलकूपों का खनन प्राथमिकता से किया जाय, ताकि इस भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल की कठिनाई न हो।

      नगर निगम के उपायुक्त द्वारा बताया गया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में पाइप लाइन डालने का 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इस संबंध में श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि जहां पाइप लाइन बिछाई जाय, खुदाई का कार्य वहीं पर किया जाय। साथ ही जिस क्षेत्र में पाइप लाइन नहीं डल पाई है, ऐसे क्षेत्रों मे टैंकरों के द्वारा पेयजल पहुँचाया जाये। उन्होंने कहा कि पेयजल सप्लाई में लगे टैंकरों को हाईडैंट से भरा जाये। इस अवसर पर बताया गया कि ग्वालियर में वर्तमान में 84 टैंकरों के द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। बैठक में ग्रामीण क्षेत्र के लिये कुल 20 नलकूप खनन की स्वीकृति प्रदान की गई तथा स्वीकृत नलकूप खनन का कार्य प्राथमिकता से कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में यदि पेयजल परिवहन आवश्यक हो, तो परिवहन कराया जाये।

 

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