बुधवार, 6 मई 2009

नगर के सभी भवन विहीन शासकीय स्कूलों के लिये बनेंगे नवीन भवन

नगर के सभी भवन विहीन शासकीय स्कूलों के लिये बनेंगे नवीन भवन

कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों की ली बैठक

 

ग्वालियर 5 मई 09। ग्वालियर नगर में संचालित शासकीय विद्यालयों के लिये भवन निर्माण हेतु भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के मकसद से जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने मंगलवार को एक अहम् बैठक ली। यहाँ जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में श्री त्रिपाठी ने संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी कि नगर की विभिन्न बस्तियों में जहां शासकीय विद्यालय किराये के भवनों में संचालित हैं वहां नगर निगम, ग्वालियर विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड व नजूल विभाग आदि के स्वामित्व की भूमिइन विद्यालयों के भवन निर्माण हेतु तत्काल उपलब्ध करायें। उल्लेखनीय है कि किराये के भवनों में संचालित विद्यालयों के लिये सर्वशिक्षा अभियान से नवीन भवन बनवाने का निर्णय सरकार द्वारा पूर्व में लिया जा चुका है।

बैठक में अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश, संयुक्त कलेक्टर एवं नजूल अधिकारी श्री राजेश बाथम, संयुक्त कलेक्टर श्री नियाज अहमद खान, संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश श्री बी के. शर्मा, उपायुक्त हाउसिंग बोर्ड श्री जोशी, ग्वालियर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय अग्रवाल व संपत्ति अधिकारी श्री रूपेश उपाध्याय व जिला शिक्षा अधिकारी श्री के के. द्विवेदी समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

       जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि जब तक विद्यालयों के लिये प्रस्तावित भवनों का निर्माण नहीं हो जाता तब तक इन स्कूलों से जुड़ी बसाहटों में उपलब्ध सामुदायिक भवनों आदि को इन विद्यालयों के लिये उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने संचालित सभी विद्यालयों के नजदीक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये विद्यालयवार संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। इस कड़ी में महलगाँव इलाके सहित अन्य वस्तियों में नजूल की भूमि पर 17 विद्यालय भवन बनाने के लिये सैध्दांतिक मंजूरी दी गई। कलेक्टर ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन विद्यालय भवनों के निर्माण के लिये टेण्डर की कार्रवाई जल्द से जल्द पूर्ण की जाये। इसी तरह नगर निगम, जी डी ए. व हाउसिंग बोर्ड के अन्तर्गत आने वाली भूमि शिक्षा विभाग को आवंटित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये। किराये के भवनों में संचालित स्कूलों को सामुदायिक भवनों में स्थानांतरित करने के साथ-साथ एक ही परिसर में संचालित स्कूलों को एकीकृत कर संचालित करने संबंधी प्रस्ताव पर भी बैठक में चर्चा हुई। विद्यालयों के अधोसंरचना विकास में नगर निगम के शिक्षा उपकर से भूमि सहित पेयजल, शौचालय तथा वाउण्ड्रीवाल निर्माण आदि व्यवस्था करने के लिये कलेक्टर ने नगर निगम के अधिकारियो को बैठक में निर्देश दिये।

       जिला शिक्षा अधिकारी श्री के के. द्विवेदी ने बताया कि नगर में 32 परिसरों में संचालित 110 शालाओं को एकीकृत किया जा चुका है। इनमें से 43 मूल प्राथमिक शालायें संचालित हो रहीं हैं। इस कार्रवाई के फलस्वरूप 67 प्राथमिक शालायें अतिशेष हो गईं हैं, जिनका युक्तियुक्तकरण उन बस्तियों में किया जायेगा जहां शिक्षण संस्थाओं की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

 

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