भारत की प्रथम  दलित महिला महापौर का निधन
ग्वालियर दिनांक 04.12.2009- भारत की प्रथम दलित महिला महापौर  तथा ग्वालियर नगर निगम की प्रथम महिला महापौर श्रीमती अरूणा सैन्या का आज दोपहर  निधन हो गया। वे विगत 6 माह से कैंसर रोग से पीड़ित होकर  स्थानीय चिकित्सालयों में इलाज करा रही थीं। 
       श्रीमती अरूणा सैन्या के  अंतिम संस्कार में नगर निगम परिषद की ओर से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर तथा नगर  निगम प्रशासन की ओर से उपायुक्त एवं जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव ने  पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रध्दांजलि अर्पित की। श्रीमती अरूणा सैन्या का अंतिम संस्कार आज  सायं लक्ष्मीगंज स्थित मुक्तिधाम में किया गया। उनके पति श्री देवेन्द्र सैन्या  द्वारा आज उन्हें मुखाग्नी दी गई। इस अवसर पर विभिन्न राजनितिक दलों के  प्रतिनिधियों के साथ समाज सेवी, पत्रकार तथा श्रीमती अरूणा  सैन्या के महापौर काल में सहयोग रहे विभिन्न पार्षद अभय चौधरी, नरेश गुप्ता, देवेन्द्र शर्मा वर्तमान परिषद के  राजेन्द्र जैन, विनोद कुमार अष्टैया सहित विभिन्न दलों के  प्रतिनिधि उपस्थित थे।
       महापौर विवेक नारायण शेजवलकर  द्वारा श्रीमती अरूणा सैन्या के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 
श्रीमती अरूणा  सैन्या का जीवन परिचय- श्रीमती अरूणा सैन्या नगर  निगम ग्वालियर की वर्ष 1995 से 2000 तक  महापौर रहीं। वे नगर निगम की प्रथम महिला महापौर तथा भारत की प्रथम दलित महापौर  रहीं। उनके कार्यकाल में मेयर-इन-कांउसिल जैसी संस्था में भाजपा, कांग्रेस और सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों की भागीदारी रही। अपने महापौर  कार्यकाल के दौरान उन्होंने नगर निगम के इतिहास में पहली बार 648 दैनिक वेतन कर्मचारियों को नियमितीकरण किया। उन्होंने अपने महापौर रहते  हुये ग्वालियर शहर में म0प्र0 के  महापौरों का सम्मेलन आयोजित किया। ग्वालियर शहर के चिड़ियाघर के संरक्षण के लिये  श्रीमती अरूणा सैन्या का नाम इतिहास में लिखा जावेगा। 
श्रीमती सैन्या के कार्यकाल में चिड़ियाघर के संरक्षण हेतु केन्द्र सरकार  से शतप्रतिशत अनुदान के रूप में 2 करोड़ रू. की राशि प्राप्त हुई।  इससे पूर्व नगर निगम में किसी भी कार्य के लिये शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त नहीं  होता था। श्रीमती अरूणा सैन्या ने नगर निगम के प्रशासनिक भवन निर्माण हेतु भूमिका  बनाई तथा फूलबाग में मोतीमहल के पास निगम के स्वयं के प्रशासनिक भवन की आधारशिला  रखवाई। 






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