मतदाताओं पर अब आतंक का कहर,  मुरैना में कई इलाकों की बिजली पानी सप्लाई ठप्प कराई
Narendra Singh Tomar "Anand" 
मुरैना 7 दिसम्बर 09, जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक  आती जा रही है वैसे वैसे ही मतदाताओं लाभ, लोभ प्रलोभन के साथ ही तंग करने व आतंकित  करने का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया है । 
मुरैना शहर नगरपालिका निर्वाचन क्षेत्र में कई वार्डों  की पानी सप्लाई पिछले तीन दिन से जहॉं नेताओं ने एकदम ठप्प करा दी है वहीं बिजली  सप्लाई भी केवल मुरैना नगरपालिका क्षेत्र ही बल्कि जिले की कई अन्य नगरपालिका क्षेत्रों  में भी एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत बन्द करा दी गयी है । 
मजे की बात यह है कि पार्षदी या नगरपालिका अध्यक्षी का  चुनाव प्रचार के सतर पर जहॉं विधानसभा चुनावों को पीछे छोड़ चुका है वहीं मतदाताओं पर  कहर ढाकर आतंक बरपा कर धमका चमका कर वोट देने के लिये बाध्य करने का मामला भी जोरों  से परवान चढ़ता जा रहा है । 
 कई प्रत्याशी  बकायदा बिजली, पानी सड़क को मुद्दा बना कर ऐलान के साथ प्रचार कर रहे है । इस मामले  में संदेह की सुई उन्हीं की ओर स्वत: घूम जाती है । मुझे हैरत है कि निर्वाचन आयोग  और उसके अधिकारी नेताओं और अफसरों की इस मिली भगत और गुण्डागर्दी पर आखिर कहॉं सो  रहे हैं । आखिर उनके पर्यवेक्षक कहॉं झक मरा रहे हैं । 
मै अपनी गांधी कालोनी की ही बात करता हूं , यहॉं पिछले  तीन दिनों से वाटर सप्लाई पूरी तरह बन्द है, पिछले दो दिन से बिजली सप्लाई पूरी  तरह बन्द है , शहर के 17 वार्डों (मेरे पास मय साक्ष्य पूरी रिपोर्ट उपलब्ध है )  में बिल्कुल ठीक यही हालात हैं । निर्वाचन के नाम पर जिस कदर शराब और भण्डारों ,  मॉस, मुर्गी मछली से लेकर सुन्दरियों को परोसा जा रहा है मुझे लगता है कि यह आपत्ति  जनक है और तत्काल रोका ही नहीं जाना चाहिये बल्कि इन्हें चुनाव के लिये आजीवन अयोग्य  घोषित कर देना चाहिये । 
जहॉं राजनीतिक पार्टीयों ने टिकिटों की जम कर बिक्री की,  वहीं ऐयाशी में भी नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी, मुझे हैरत है कि राजनीतिक पार्टीयों  में ऐसे वरित्र के नेता इस समय शीर्षाधार हैं, मेरे पास कई चौंकाने वाली हैरत अंगेज  रिपोर्ट आयीं हैं, मैं इन्हें पढ़ कर दंग हू । एग, लेग पैग यानि सुरा, सुन्दरी और  नानवेज जिस कदर रंग पर यानि शवाब पर है यूं कहिये कि शराब, शवाब और कवाब की जो इस समय  बहार है कौन कहेगा कि ये महात्मा गांधी का देश है ।  
चलो भई निर्वाचन हो लोने दो तब तक हम भी मौन रहेंगें वरना  हम बोलेंगा तो बोलोगे कि बोलता है ।    






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