रविवार, 20 दिसंबर 2009

नव निर्वाचित महापौर द्वारा पशु मेला उद्धाटित

नव निर्वाचित महापौर द्वारा पशु मेला उद्धाटित

ग्वालियर 19 दिसम्बर 09। राज्य स्तरीय एवं किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ नव निर्वाचित महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता द्वारा गौ पूजन के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी, मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल सहित सभी संचालकगण, संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ जी एस. डाबर, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. कौरव सहित अन्य गणमान्य नागरिक, पशु पालक, किसान भाई तथा विभागीय चिकित्सक उपस्थित थे।

      नव निर्वाचित महापौर श्री समीक्षा गुप्ता ने कहा कि ग्वालियर व्यापार मेला केवल व्यापारिक गतिविधियों का ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और परंपराओं का प्रतीक है। मेले के एतिहासिक स्वरूप को बनाये रखने के लिये उनके तथा नगर निगम के माध्यम से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि मेला विकास की नई बुलंदियां छुये इसके समन्वित प्रयास किये जायेंगे।

      कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह ने कहा कि गत वर्षों में ग्वालियर व्यापार मेले के स्वरूप और भव्यता में उत्तरोत्तर वृध्दि हुई है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ के कारण लोगों का पशु पालन के प्रति रूझान कम हुआ है। जिसके गंभीर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पशु हमारे पर्यावरणीय संतुलन का अंग हैं। उन्होंने कहा कि इंसान के स्वस्थ्य जीवन के लिये पशुओं का होना अति आवश्यक है। उन्होंने पशुओं की घटती संख्या के प्रति चिंता व्यक्त की तथा पशु पालन को बढ़ावा देने के लिये हर संभव प्रयास किये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पशु मेलों को आकर्षक स्वरूप प्रदान करने के प्रयास मेला प्राधिकरण द्वारा लगातार किये जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा भी पशु पालन को बढ़ावा देने के प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि किसान भाई सरकार की योजनाओं का लाभ उठावें।

      विशिष्ट अतिथि श्री चौधरी ने कहा कि ग्वालियर व्यापार मेला का शुभारंभ भी पशु मेले के रूप में सन 1905 में हुआ था जिसका धीरे-धीरे व्यापार मेले के रूप में विस्तार हो चुका है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर पशु मेले में इस पूरे अंचल के किसान और पशु पालक अपनी भागीदारी दर्ज कराते हैं। उन्होंने कहा कि पशु पालन आज की बढ़ती वेरोजगारी के दौर में रोजगार का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। इसको प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

      कार्यक्रम में संयुक्त संचालक श्री डाबर ने अतिथियों का स्वागत किया तथा विभागीय गतिविधियों से अवगत कराया।

      कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथिगण द्वारा गौपूजन कर मेले का शुभारंभ किया तथा मेले में पशुपालन से संबंधित स्टॉलों का अवलोकन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. त्रिपाठी ने किया। पशु मेले में 20 दिसम्बर को गौ-वंशिय पशुओं की प्रतियोगिता, 21 दिसम्बर को भैंस-वंशिय पशुओं की प्रतियोगिता तथा 22 दिसम्बर को बकरा, बकरी तथा मुर्गा-मुर्गी की प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। सांयकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जायेगा।

 

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