मंगलवार, 2 सितंबर 2008

बलराम जयंती पर कवि सम्मेलन सम्पन्न

बलराम जयंती पर कवि सम्मेलन सम्पन्न

ग्वालियर, एक सितम्बर 08 / बलराम जयंती के उपलक्ष्य में कल रात्रि मुरार चौराहे पर सफलतापूर्व अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न हुआ । कवि सम्मेलन का आगाज  जबलपुर से आयी कवियित्री सुश्री अर्चना ने सरस्वती वंदना से किया ।

       अनिल तेजस्व ने कवि सम्मेलन को नई ऊंचाई देते हुये अपनी रचना में पढा  ''अफजल जैसे आतंकी जब जेल में सुविधायें पायेंगे । तो सेना में भी जाने से लोग कतरायेंगे ।'' रामसेतु के समर्थन में पक्तियां पढ़ते हुए कवि अनिल ने कहा ''राम नहीं थे इस धरती पर''  कुछ नेता यह बकते हैं ''हर हिन्दू का बच्चा-बच्चा बजरंगी बन जायेगा, श्रीराम के नाम लिखे पत्थर को तेराया था, श्री राम जनमानस के  रोम-रोम में रहते हैं ।  कलियुग के इन रावणों को गली-गली में जलाया जायेगा ।''

       झांसी उत्तरप्रदेश से आये कवि देवेन्द्र ''नटखट'' ने हास्य की रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया । नटखट ने केन्द्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम की व्याख्या अपने ही अंदाज में इस तरह की  '' पी चिलम, लगा दम, बाद में रम, फिर काहे की मंहगाई, काहे का गम ।''

       इटावा से आये नये हस्ताक्षर कुमार मनोज ने ''बहुत जरूरी होता है पर सब कुछ प्यार नही होता'' सुनाकर श्रोताओं को तालियां ठोकने पर विवश कर दिया । फिरोजाबाद (उ.प्र.) से आये यशपाल ''यश'' ने अपनी कविता का ''मुझे मेरा वापस शबाब कर दीजिये, अबकी पाकिस्तान का हिसाब कर दीजिये, मैं कहां अकेला सरहद पर लड़ रहा था, मेरे साथ गीता-रामायण, गुरूग्रंथ, बाइबिल,कुरान भी साथ लड़ा, मेरे साथ यूपी, एमपी, त्रिपुर, पंजाब लड़ा, मजदूर किसान लड़ा, मेरे साथ पूरा हिन्दुस्तान लड़ा।'' प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही अर्जित की ।

       कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि साडा के अध्यक्ष जयसिंह कुशवाह थे और अध्यक्षता प्रदेश के बीज विकास निगम अध्यक्ष महेन्द्र सिंह यादव ने की । विशिष्टि अतिथि के रूप में नगर निगम सभापति बिजेन्द्र सिंह जादौन ''लालजी'' व ग्वालियर विकास प्राधिकरण के संचालक आर के गुप्ता भी मौजूद थे । कवि सम्मेलन का संचालन श्री शशिकांत यादव 'देवास' ने किया

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