मंगलवार, 9 सितंबर 2008

पुरूष नसबन्दी (एन.एस.व्ही) शिविरों का आयोजन 10, 11 और 12 सितम्बर को

पुरूष नसबन्दी (एन.एस.व्ही) शिविरों का आयोजन 10, 11 और 12 सितम्बर को

ग्वालियर,5 सितम्बर 08 / परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने एवं जनसंख्या को नियंत्रण करने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में पुरूष नसबन्दी (एन.एस.व्ही) शिविरों का आयोजन 10,11 और 12 सितम्बर 08 को किया जायेगा ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि 10 सितम्बर को एन.एस.व्ही.शिविर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहना, भितरवार और सिविल अस्पताल डबरा में आयोजित होगा । 11 सितम्बर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरई, बिलौआ, और चिनौर में तथा 12 सितम्बर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटई,पिछोर और हस्तिनापुर में शिविर आयोजित होगा । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मोहना भितरवार डबरा, बिलौआ चीनोर पाटई पिछोर हस्तिनापुर सहित अन्य ग्रामों के लोगों से आग्रह किया है कि उनके नजदीक के चिकित्सालय में पहुंचकर आयोजित एन.एस.व्ही शिविर का लाभ उठाये । पुरूष नसबन्दी शिविरों की सफलता के लिए ग्रामीण क्षेत्र विशेषकर जिले के सहरिया जनजाति बहुल्य ग्रामों में पुरूष नसबन्दी से सम्बन्धित वीडियों फिल्म दिखाई जा रही है तथा पोस्टर पर्चे वितरित किये जा रहे है ताकि लोग एन.एस.व्ही नसबन्दी के लिए प्रेरित हो सके ।

       वीडियों फिल्म देखकर ग्रामीण जन उत्साहित नजर आ रहे है जिसका प्रभाव लोगो पर सकारात्मक पड़ रहा है । ए.एन.एम, आशा ऑंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा जन प्रतिनिधियों से सहयोग प्राप्त कर ग्रामीण क्षेत्र में लक्ष्य दम्पति (पुरूष नसबन्दी) के हितग्राहियों को प्रेरित किया जा रहा है ।      

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर ने आमजन से अपील की है कि इन पुरूष नसबन्दी शिविरों का अधिक से अधिक लाभ उठायें तथा अधिक जानकारी के लिये नजदीकी शासकीय अस्पताल स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ए.एन.एम.तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में एवं दूरभाष 0751-2452944 पर सम्पर्क कर सकते है ।

 

ऑपरेशन कराने पर मिलेगी 11 सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पुरूष नसबन्दी (एन.एस.व्ही.) पद्वति बहुत ही आसान स्थायी एवं भयमुक्त है । इस विधि से आप्रेशन में 5 से 7 मिनिट लगते है । आप्रेशन के पश्चात व्यक्ति तुरन्त ही अपने घर जा सकता । इस पद्वति से विवाहित जीवन पर एवं पुरूष शक्ति पर कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता है और आवश्यकता पड़ने पर शुक्रवाहिनी नली को पुन: नि:शुल्क जोड़ा जा सकता है । इस विधि में कोई चीरा टॉका नही लगाया जाता है साथ ही आप्रेशन कराने वाले को 1100 तथा प्रेरक (लाने वाले को) 200 रूपये दिये जाते है ।

 

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