जिले के 120 कृषक उन्नत तकनीकी का प्रशिक्षण लेने हेतु बाहर जायेगे
उद्यानिकी मिशन समिति की बैठक सम्पन्न
ग्वालियर 9 सितम्बर 08। उद्यानिकी के क्षेत्र मे आरही नई नई वैज्ञानिक तकनीकी की जानकारी देने के उध्देश्य से उद्यानिकी के क्षेत्र में रूचि रखने वाले जिले के 120 कृषकों को अक्टूबर एवं नवम्बर माह में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर प्रशिक्षण पर भेजा जायेगा। जिसमें 50कृषकों को प्रदेश के बाहर हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, करनाल(हरियाणा) में फूलों, फलों एवं सब्जियों का जबकि 70 कृषक प्रदेश के होशंगाबाद बैतूल, छिंदवाड़ा, रतलाम उज्जैन आदि जिलों में संतरा, अमरूद, पपीता आदि की खेती का प्रशिक्षण लेंगे। उक्त आशय की जानकारी जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित उद्यानिकी मिशन समिति की बैठक में दी गई।
बैठक में समिति के सदस्य के रूप में श्री परिमाल सिंह, श्री जगत सिंह, श्री इन्द्र सिंह, उपसंचालक जे.एस.यादव उपसंचालक उद्यानिकी श्री एम.एस.तोमर, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री गुप्ता, नावार्ड के श्री आर.बी. जोशी अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री शुल्का सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने उद्यान-विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्यानिकी मिशन की योजनाओं की जानकारी कृषकों का अधिक से अधिक प्राप्त हो इसके लिए विभिन्न माध्यमों से योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जावे।
जिला कलेक्टर ने उद्यानिकी मिशन की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिये कि मिशन के तहत पौधे रोपण पुराने बगीचों का जीर्णोध्दार आदि कार्यों की फोटोग्राफी के साथ-साथ वीडियोग्राफी भी करायी जावे। कलेक्टर ने सब्जी बीज उत्पादन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि शासकीय क्षेत्र में 5 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न सब्जियों के बीज उत्पादन का कार्य लिया जावे। जिसमें जिले के किसानों को विभिन्न सब्जियों के उन्नत किस्म के बीज प्राप्त हो सके। बैठक में बताया गया कि 3 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू, 1-1 हेक्टेयर क्षेत्र में मटर एवं भिंण्डी का बीज उत्पादित किया जायेगा।
श्री त्रिपाठी ने जिले के भितरवार में वड़ी नर्सरी तथा माडल के रूप में जिला स्तर पर एक जिला स्तरीय नर्सरी विकसित करने के निर्देश दिये। जिसमें हाईटेक हार्टीकल्चर का उपयोग किया जायेगा। उन्होंने निजी क्षेत्र में नर्सरी विकसित करने हेतु कृषकों को प्रेरित करने हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार कराया जावे। बैठक में शासकीय क्षेत्र प्लांटिंग मटेरियल का उत्पादन निजी क्षेत्र में नर्सरियों का निर्माण सब्जी बीज उत्पादन का कार्यक्रम नया पौध रोपण, फूलों की खेती, मशालों का उत्पादन आम एवं अमरूद के पुराने बगीचों का जीर्णोध्दार, जैविक खेती से मिर्च सब्जियों का उत्पादन एवं मार्केटिंक की व्यवस्था बाटर स्टोरेज क्रियेशन, पैक हाउस आदि की समीक्षा की गई।
बैठक में समिति के तकनीकी सदस्यों ने कट फलॉवर के तहत रजनीगंधा, आस्टर, ग्लेडिएटर रोज, बल्वसफलॉवर के तहत, डहेलिया, लिली, झरवेरा आदि पुष्पों की खेती लेने का सुझाव दिया।
बैठक में उपसंचालक उद्यानिकी श्री एम एस तोमर ने बताया कि जिले में नवीन ऑंवला पौधरोपण के तहत 100 हेक्टेयर के विपरीत 60 हेक्टेयर क्षेत्र में कल भी आंवले का पौधरोपण किया गया है। लूज फलॉवर(शंकर गेंदा)200 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किये जाने हेतु कृषकों को निशुल्क बीज वितरण किया गया है। राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के तहत वर्ष 2007-08 में मिर्च क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत 193.5 हेक्टेयर क्षेत्र में 715 कृषकों के खेतों पर मिर्च का उत्पादन लिया गया। जिसमें अनुसूचित जाति के 127, जनजाति के 23, महिलाएें 202, लघु कृषक 190 एवं सीमांत कृषक 114 शामिल है। लूज फलॉवर योजना के तहत 148.25 हेक्टेयर क्षेत्र में 426 किसानों के खेतों पर फूलों की खेती की गई। जैविक सब्जी उत्पादन कार्यक्रम के तहत 24 कृषकों के खेतों पर 17.5सौ हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक सब्जी का उत्पादन किया गया।
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