महापौर द्वारा पेयजल व्यवस्था में लीकेज कम करने हेतु क्षमता वृध्दि अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला- बोन सिटी जर्मनी में भाग लिया
ग्वालियर दिनांक 10 सितम्बर 2008- यूनाइटेड नेशन्स यूनिवार्सिटी, यूनाइटेड नेशन वाटर डिकेड प्रोग्राम ऑन कैपिसिटी बिल्डिंग तथा यू. एन. हैवीटेट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 03 से 5 सितम्बर 2008 तक बोन सिटी जर्मनी में पेयजल व्यवस्था में लीकेज कम करने हेतु क्षमता वृध्दि पर अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग 70 प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया। यू. एन. हैवीटेट के वित्तीय सहयोग से जल प्रदाय के क्षेत्र में ग्वालियर नगर निगम द्वारा की कार्यवाही के फलस्वरूप कार्यशाला के आयोजकों द्वारा माननीय महापौर, नगर निगम, ग्वालियर को अपने अनुभवों पर व्याख्यान देने के लिये बोन सिटी जर्मनी आमंत्रित किया गया । माननीय महापौर देश के एक मात्र आमंत्रित प्रतिनिधि थे।
कार्यशाला में विभिन्न देशों के विशेषज्ञों द्वारा जल प्रदाय के क्षेत्र में किये गये कार्यों पर अपने-अपने विचार रखे गये । कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जल प्रदाय व्यवस्था में होने वाले लीकेज से पेयजल की बर्वादी को रोकना था। माननीय महापौर द्वारा दिनांक 04 सितम्बर को ग्वालियर में लीकेज रोकने हेतु उठाये गये कदम के बारे में अपना प्रजेन्टेशन दिया गया । उल्लेखनीय है कि नगर निगम द्वारा जल प्रदाय के क्षेत्र में लीकेज रोकने हेतु की जा रही कार्यवाही कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा बताई गई गाइड लाइन के अनुसार ही है। उपरोक्त कार्यशाला में लीकेज रोकने हेतु मुख्य पाँच बिन्दुओं क्षमता वृध्दि, वर्तमान नेटवर्क का सही उपयोग, जन जागरूकता, पेय जल का महत्व, लीक डिटेक्शन एवं रिपेयर तथा राजनैतिक आत्म शक्ति पर कार्यवाही किये जाने हेतु सहमति हुई। नगर निगम, ग्वालियर के अन्तर्गत वर्तमान पेय जल व्यवस्था का वाटर ऑडिट एवं वाटर डिमान्ड मैनेजमेन्ट पर टैरी नई दिल्ली द्वारा अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। इस रिपोर्ट में संस्था द्वारा पेय जल व्यवस्था में सुधार तथा लीकेज रोकने हेतु अल्पावधि एवं दीर्घवधि के सुझाव नगर निगम, ग्वालियर को दिये गये थे। इन सुझावों में बल्क मीटर लगाना, मोतीझील स्थित जल संयंत्र के पुराने पम्पस एवं विधुत कल पुर्जों को बदलना, पेय जल वितरण प्रणाली में लीकेज का पता लगाकर सुधार करना जल प्रदाय व्यवस्था में संलग्न अमले की क्षमता वृध्दि, जन जागरूकता तथा जल कनेक्शनों में मीटर लगाया मुख्य थे।
नगर निगम, ग्वालियर द्वारा प्रोजेक्ट उदय के अन्तर्गत लगभग 25 बल्क मीटर पेय जल प्रणाली में लगाये जा चुके है तथा प्रगतिरत् नवीन पाइप लाइनों में 16 बल्क मीटर लगाने की कार्यवाही गतिशील है। मोतीझील संयंत्र का सुधार कर लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। शहर की जल वितरण नलिकाओं में भूमिगत लीकेज पता लगाकर सुधार कार्य तथा वार्ड नं. 6, 7, 11, 12 में उपभोक्ताओं के कनेक्शनों तक सम्पूर्ण लीकेज के सुधार कार्यों के पायलट प्रोजेक्ट हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट उदय के अन्तर्गत जन जागरूकता एवं पानी के महत्व को बताने हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये है तथा यह कार्यवाही निरन्तर गतिशील है। वर्तमान में निगम द्वारा अपने ही स्तर से खराब स्लूस वाल्व के सुधार अथवा उन्हें बदलने की कार्यवाही युध्द स्तर पर जारी है। विगत ग्रीष्मकाल मेंं उपरोक्त कार्यवाही के कारण ही नगर निगम, ग्वालियर द्वारा सुचारू पेयजल व्यवस्था के माध्यम से आम जन को पेय जल प्रदाय करने में सफल रहा ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें