शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला
भोपाल 10 अप्रैल 10। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि के लिये भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया है। यह पुरस्कार राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश में शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने तथा इनके बेहतर स्वास्थ्य के लिये अपनाई गई नवाचार योजनाओं के लिये दूसरा पुरस्कार दिया है। 12 अप्रैल को विज्ञान भवन में यह पुरस्कार भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल प्रदान करेंगी।
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने के लिये निरंतर किये गये प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित हुये हैं। हाल ही में भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन और उपलब्धि को लेकर अपने तय मापदंडों पर मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट पाया। इसका सुखद परिणाम मध्यप्रदेश को प्राप्त हुआ है।
मध्यप्रदेश में ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रही योजनाओं विशेषकर महिलाओं और बच्चों की मृत्य दर को कम करने के लिये जो प्रयास और नवाचार किये गये हैं उसकी उपलब्धि यह रही कि वर्ष 2004 में मातृ मृत्यु दर 379 थी वह घटकर वर्तमान में 335 रह गई है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 79 से घटकर अब 70 रह गई है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव के लिये किये गये अथक प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि जहां पहले 26 प्रतिशत महिलाओं का संस्थागत प्रसव होता था वह बढ़कर अब 80 प्रतिशत हो गया है। सकल प्रजनन दर भी मध्यप्रदेश में कम हुई है। जननी सुरक्षा, जननी सहयोगी, जननी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं मध्यप्रदेश में बनाई गई और उनके तहत प्रदेश की महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई। प्रदेश में बालशक्ति योजना के तहत बनाये गये पोषण पुनर्वास केन्द्र पूरे देश में सबसे अधिक प्रदेश में 202 स्थानों पर क्रियाशील है। इसी तरह प्रदेश के हर जिले में शिशु सघन चिकित्सा इकाईयां भी स्थापित की जा रही हैं अभी तक प्रदेश में 13 स्थानों पर यह इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। इसी तरह के और अन्य बिन्दुओं में प्रदेश की उपलब्धियों को भारत सरकार ने उत्कृष्ट माना और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यो र्को राष्ट्रीय मान्यता देते हुये दूसरे पुरस्कार के लिये मध्यप्रदेश को चयनित किया।
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