रविवार, 14 जून 2009

शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिये समन्वित प्रयास किये जायें, जाति प्रमाण पत्र टाइम बाउन्ड करें, शिक्षक आठ कि.मी. के दायरे में रहें, -शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनिस

शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिये समन्वित प्रयास किये जायें -शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनिस

ग्वालियर चंबल संभाग की शिक्षा गतिविधियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

ग्वालियर 13 जून 09। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की संभागीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य लिया जाये, उनसे अन्य कार्य नहीं कराया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग को साधन मुहैया करा सकती है, लेकिन छात्रों को अच्छी पढ़ाई शिक्षक ही दे पायेंगे। इसलिये शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिये समन्वित प्रयास किये जायें।

      श्रीमती चिटनिस ने ये निर्देश आज यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने ग्वालियर एवं चंबल संभाग की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, आयुक्त लोक शिक्षण श्री बी आर. नायडू, राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त श्री मनोज झालानी, ग्वालियर संभाग के आयुक्त डॉ. कोमल सिंह, चंबल संभाग के आयुक्त श्री एस डी. अग्रवाल, ग्वालियर के कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, शिवपुरी कलेक्टर श्री मनीष श्रीवास्तव, अशोक नगर कलेक्टर सुश्री गीता मिश्रा, स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक श्री धीरसिंह सिकरवार, दोनों संभागों के जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी तथा राजीव गाँधी शिक्षा मिशन के जिला परियोजना समन्वयक भी उपस्थित थे।

      शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनिस ने बताया कि जिन उत्कृष्ट विद्यालयों का परीक्षा परिणाम इस वर्ष शतप्रतिशत रहा है, उन विद्यालयों के शिक्षकों को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जायेगा। साथ ही जिनका परीक्षा परिणाम 0 प्रतिशत रहा है, उन विद्यालयों के शिक्षकों की दो-दो वेतन वृध्दि रोकी जायेंगी। इसके अलावा जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम गत तीन वर्षों से खराब आ रहा है, वहां के शिक्षकों की सेवा समाप्ति  की कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लिपिकीय स्टाफ एक ही प्रशासनिक कार्यालय में 3 वर्ष से अधिक समय नहीं रहें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से सबसे अच्छा कार्य करने वाले तीन प्राचार्यों के नाम दें। साथ ही उनके द्वारा किये गये अच्छे कार्यों का पूरा ब्यौरा भी दिया जाये। नाम व्यक्तिगत रूचि के आधार पर नहीं हों, बल्कि शैक्षणिक उपलब्धियों पर आधारित हों।

      उन्होंने निर्देश दिये कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि एक जुलाई को हर हाल में स्कूल खुल जायें और पढ़ाई शुरू हो जाये। उन्होंने दिसम्बर माह तक पाठयक्रम पूरा कराने, प्रत्येक माह छात्रों का टेस्ट लेने तथा पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये । श्रीमती चिटनिस ने सेवा निवृत्त शिक्षकों को आमंत्रित करने, उनका सम्मान करने एवं जिन विषयों के शिक्षक विद्यालय में नहीं हैं उन विषयों को पढ़ाने का आग्रह करने के उन्हें पदस्थ करने के निर्देश दिये। साथ ही जिस विद्यालय में वे अतिथि शिक्षक के रूप मे पढ़ाना चाहते हैं, वहां उन्हें पदस्थ करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के रिश्तेदार यदि अतिथि शिक्षक हैं, तो वे निर्धारित मापदण्डों के अनुसार हों, स्कूल पढ़ाने नियमित जायें तथा सिर्फ कागजों पर कार्य नहीं करें, इसका विशेष ध्यान रखें, अन्यथा दोषी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकण्ड्री स्कूलों में निजी शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को आमंत्रित किया जाय तथा शैक्षणिक गतिविधियो पर चर्चा की जाये।

      शिक्षा मंत्री ने बालिका शिक्षा पर बल देते हुए हिदायत दी कि विद्यालयों में शौचालय की समुचित व्यवस्था बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिये अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि शौचालय ऐसे बनवाये जायें, कि कोई भी बेहिचक उनका उपयोग कर सके, पर्याप्त सफाई हो, पानी की व्यवस्था होने के साथ ही वेन्टीलेशन भी हो। उन्होंने सभी विद्यालयों में जनप्रतिनिधि, जनभागीदारी एवं अन्य मदों से वाउण्ड्री वाल निर्माण कराने के निर्देश दिये। विशेषकर ऐसे विद्यालय जहाँ अतिक्रमण की अधिक संभावना हो, वहां वाउण्ड्रीवाल प्राथमिकता से बनबाने को कहा। इसी प्रकार विद्यालयों में पेयजल की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश उन्होंने दिये। इसके लिये खराब हैण्डपंपों को सुधरवाने एवं जहां हैण्डपंप नहीं हैं, वहां पानी की टंकी रखवाने को कहा। साथ ही पानी की टंकी की नियमित सफाई कराने की हिदायत दी। इसके अलावा हरियाली महोत्सव के अन्तर्गत प्रत्येक विद्यालय में कम से कम 5 से 7 पौधे लगाये जायें, उनकी नियमित सिंचाई करें तथा सुरक्षा के सभी इन्तजाम किये जायें।

      अधूरे निर्माण कार्यों के बारे में उन्होंने कहा कि इनके लिये राशि प्राप्त हो गई है। इसलिये प्राप्त राशि का समय सीमा में उपयोग कर अधूरे कार्यों को पूर्ण किया जाये। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की हिदायत अधिकारियों को दी। साथ ही कहा कि सभी विद्यालयों में एकरूपता लाई जाय। इसके लिये कुछ स्थान चिन्हित कर शीघ्र कार्य शुरू किये जायें। इसमें पंचायत एवं अन्य शासकीय ऐजेन्सी को भी शामिल किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि पुस्तकें विद्यालयों में पहुँच चुकी हैं, इन्हें स्कूल खुलते ही छात्रों को वितरित करा दिया जाय। स्कूल चलें हम कार्यक्रम की समीक्षा में उन्होंने निर्देश दिये कि गत वर्षों के अभियानो का कितना लाभ हुआ है, इसका आकलन किया जाय तथा स्कूल में दर्ज विद्यार्थियो के माध्यम से अन्य बच्चे जो विद्यालय नहीं आ रहे हैं, उन्हें लाया जाये। साथ ही ब्रिज कोर्स के लिये गाँव के पढ़े लिखे लड़के लड़कियों को चिन्हित करें, जो बच्चो को पढ़ा सकें। इसी प्रकार मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत कार्डधारी खेतिहर मजदूरों के बच्चों को मिलने वाली सभी सुविधायें मुहैया कराई जायें। उन्होंने शिक्षकों के लंबित स्वत्वों का शीघ्र भुगतान कर उन्हें अवगत कराने के भी निर्देश दिये। साथ ही संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा को निर्देश दिये कि प्रत्येक माह संभाग के प्रत्येक जिले का दौरा करें एवं शैक्षणिक स्तर की नियमित जांच करें।

 

जाति प्रमाण पत्र टाइम बाउन्ड करें

शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कलेक्टरों से कहा कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि जाति व आय प्रमाण पत्रों के लिये छात्रों एवं उनके अभिभावकों को तहसील के चक्कर नहीं लगाना पड़ें। इसके लिये संबंधित पटवारी स्कूल से छात्रों के आवेदन लेकर और प्रमाण पत्र बनवाकर स्कूल में ही वितरित करें। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि उक्त प्रमाण पत्र छात्रों के पास स्कूल में ही पहुँच जाये। उन्होंने कहा कि उक्त प्रमाण पत्रों को टाइम बाउन्ड किया जाये।

 

शिक्षक आठ कि.मी. के दायरे में रहें

शिक्षा मंत्री श्रीमती चिटनिस ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी शिक्षक विद्यालय के 8 किलोमीटर के भीतर निवास करेें। इस आशय के सभी डी ई.ओ. आदेश जारी कर दें। उन्होंने निर्देश दिये कि शिक्षा की दृष्टि से सभी गाँवों को तीन श्रेणी में विभाजित किया जाये। जिसमें सुदूर अंचल के गाँव, उससे सुविधाजनक एवं शहर से 10 किलोमीटर के दायरे के गाँव चिन्हित करें तथा कार्य योजना तैयार कर कार्य शुरू करें।

 

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