सोमवार, 15 जून 2009

आई.टी.आई. के छात्रों को पोलिटेक्निक में प्रवेश मिलेगा- श्रीमती अर्चना चिटनिस

आई.टी.आई. के छात्रों को पोलिटेक्निक में प्रवेश मिलेगा- श्रीमती अर्चना चिटनिस

तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न

ग्वालियर 14 जून 09। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया है कि जिस प्रकार पोलिटेक्निक महाविद्यालय के छात्रों को इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में बी ई. के लिये प्रवेश देने का प्रावधान है, उसी प्रकार औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के छात्रों को पोलिटेक्निक कालेजों में प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की आई टी आई. के सभी ट्रेडों को एन सी डी टी. से सम्बन्धीकरण किया जायेगा।  श्रीमती चिटनिस ने यह जानकारी कल देर रात्रि जीवाजी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए दी। उन्होंने ग्वालियर एवं चंबल संभागों के इंजीनियरिंग, पोलिटेक्निक कालेज व आई टी आई. की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने दोनों संभागों के प्रत्येक कॉलेज व संस्था के प्राचार्य एवं प्रतिनिधियों से विस्तार से चर्चा की और इन संस्थाओं की समस्याओं से अवगत हुईं। साथ ही प्राचार्यों द्वारा बताई गई कमियों को दूर करने के लिये विभागीय वरिष्ठ अधिकारियो को बैठक में निर्देश दिये। इस अवसर पर संचालक तकनीकी शिक्षा श्री आशीष डोंगरे, अपर संचालक प्रशिक्षण श्री डी के. व्यास, संयुक्त संचालक प्रशिक्षण श्री के सी. व्यास सहित इंजीनियरिंग, पोलिटेक्निक कॉलेज व आई टी आई. के प्राचार्य भी उपस्थित थे।

      शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थाएें अधिक महत्वपूर्ण हैं तथा इनके विद्यार्थी बिना नौकरी मिले भी स्वाबलम्बी बनकर रोजगार पा सकते हैं। इसलिये इन संस्थाओं को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिये कि निजी क्षेत्र की आई टी आई. को भी बढ़ावा दिया जाये। ताकि ये संस्थायें बेरोजगारी दूर करने का माध्यम बन सकें। उन्होंने बताया कि 24 जून को विशेषज्ञों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें कार्य योजना बनाकर तकनीकी शिक्षा का दायरा बढ़ाने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को बढ़ाने की जिम्मेदारी सभी प्राचार्यों की है तथा संस्थाओं में कोई भी समस्या होने पर उन्हें सीधे पत्र लिखा जाये। साथ ही कमियों के संबंध में विस्तार से प्रस्ताव भेजे जायें, ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि प्रदेश में सरकार विवेकानन्द केरियर काउन्सिलिंग योजना शुरू करने पर विचार कर रही है।

      शिक्षामंत्री ने प्राचार्यों से कालेज एवं संस्थावार छात्र संख्या, ब्रांच, उपकरण, उपलब्ध सुविधाओं सहित वहां की समस्याओं की विस्तार से जानकारी ली। मुरैना पोलिटेक्निक में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री के परीक्षा केन्द्र बनाये जाने के कारण पढ़ाई में व्यवधान आने की ओर ध्यान दिलाये जाने पर इससे मुक्ति दिलाने का आश्वासन उन्होंने दिया। इसी प्रकार राघौगढ़ पोलिटेक्निक में अन्य कालेजों की पढ़ाई की वीडियो रिकार्डिंग से कुछ विषयों की पढ़ाई कराने की व्यवस्था करने का अश्वासन दिया। साथ ही सबलगढ़ आई टी आई. में ट्रेड बढ़ाने व जनरेटर उपलब्ध कराने एवं विजयपुर में आवश्यक सुविधायें मुहैया कराने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिये। शिक्षामंत्री ने अशोकनगर पोलिटेक्निक में चल रहे कार्यालयों को अन्यत्र स्थापित कराने, एवं आई टी आई. के लिये भूमि आवंटित करने एवं दतिया आई टी आई में फिटर ट्रेड खोलने का आश्वासन दिया। इसी प्रकार खनियाधाना आई टी आई. में इलेक्ट्रीकल एवं फिटर ट्रेड खोलने, 10 कम्प्यूटर देने, पेयजल के लिये बोरिंग कराने, इन्वर्टर उपलब्ध कराने, जनरेटर उपलब्ध कराने तथा वाउण्ड्रीवाल निर्माण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। साथ ही संयुक्त संचालक आई टी आई. ग्वालियर के कार्यालय के लिये लिये 10 दिन के भीतर दो कम्प्यूटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने भिण्ड आई टी आई. में वाउण्ड्रीवाल बनवाने एवं सबलगढ़ में छात्रों की सुविधा के लिये विक्रम वाहन खरीदने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

      श्रीमती चिटनिस ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो आई टी आई. कमजोर है, उन्हें अच्छे आई टी आई. के साथ जोड़ा जाये तथा जहां शिक्षकों की कमी हैं, वहां अन्य जगह के शिक्षक जाकर सप्ताह में दो दिन पढ़ायेंगे। लेकिन शिक्षक शारीरिक रूप से जाने की स्थिति में हो, ऐसे को ही भेजा जाये। उन्हें यात्रा भत्ता दिया जाये। साथ ही शिक्षक आदेश का पालन नहीं करें तो उन्हें पूरे समय के लिये स्थानांतरित कर दिया जाये। उन्होंने संविदा शिक्षको को नियमित वेतन भुगतान करन के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर शासकीय एम एल बी. कॉलेज ग्वालियर की अर्थशास्त्र की प्राध्यापक डॉ. श्रीमती मंजू जैन द्वारा मध्य प्रदेश आई टी आई. का मध्य प्रदेश के औद्यौगिक विकास में योगदान विषयक शोध ग्रंथ शिक्षा मंत्री को भेंट किया गया। यह शोध ग्रंथ विशेषकर ग्वालियर एवं चंबल संभागों के संदर्भ में लिखा गया है।

 

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