शनिवार, 13 जून 2009

खसरे से बचाव के लिये बच्चों को टीके लगवाने के सलाह

खसरे से बचाव के लिये बच्चों को टीके लगवाने के सलाह 

ग्वालियर 12 जून 09। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को खसरे के टीके लगवाने की सलाह दी है। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी के निर्देशानुसार विभाग द्वारा खसरे से बचाव के लिये जिले के हर गांव में प्रति माह टीकाकरण कराया जा रहा है।

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि खसरे का टीका प्रत्येक बच्चे को नौ माह की उम्र पूरी होने के बाद बारह माह की उम्र से पहले जरूर लगवा लेना चाहिये। इस टीके को केवल एक ही बार लगवाने से खसरा की बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि बच्चों की छ: जानलेवा बीमारियों में खसरा बीमारी सबसे ज्यादा घातक होती है। खसरा को गोबरी, छोटी माता या खिलौनी के नाम से भी जानते है। अधिकतर लोग अंधविश्वास के कारण इस बीमारी को छिपाते हैं तथा इलाज लेने से डरते हैं। कुछ ग्रामीण यह भी समझते हैं कि इलाज कराने से माता मैया नाराज हो जायेंगी, जबकि ऐसी बात नहीं हैं। खसरा तो अन्य बीमारियों जैसे टिटनिस, टी बी. पोलियो की तरह की एक बीमारी है और जिस तरह पोलियो की दवा पिलवा देने से बच्चे को पोलियो नहीं होता है, उसी प्रकार खसरे का टीका लगा देने से बच्चे को खसरे की बीमारी नहीं होती है।

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने खसरा की पहचान के लक्षण भी बताये हैं। उनके अनुसार इस बीमारी में तेज बुखार, बहती नाक, पनीली व लाल आखें, चेहरे व कानों के पीछे व पूरे शरीर पर लाल छोटे एक से दाने हो जाते हैं और ये लक्षण पांच दिन रहते हैं। खसरा की बीमारी बहुत संक्रामक है। घर में एक बच्चे को यह बीमारी हो जाने पर घर के अन्य बच्चों तथा आस पड़ोस के बच्चों जिन्हें खसरे का टीका नहीं लगा होता है, उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। खसरे से बीमार बच्चों को साफ ताजा बना हुए खाना खिलाते रहें तथा उवालकर ठंडा किया हुआ पानी पिलाते रहना चाहिये। स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें विटामिन ए की खुराक भी अवश्य पिलवायें। बच्चों को यदि कोई टीके लगने से छूट गये हो तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता से मिलकर छूटे हुए टीकों की पूरी खुराक लगवालें।

      खसरे की बीमारी के बाद बच्चे को निमोनिया या आंव, खून के दस्त बीमारी की हालत में बच्चे का खानपान बंद करने के कारण बच्चे को हुई कमजोरी (कुपोषण) से बच्चे की मौत भी हो सकती है। इसीलिये इनमे से एक भी लक्षण होने पर तत्काल स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सलाह लें।

 

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