सोमवार, 6 जुलाई 2009

त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए ग्राम पंचायतों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा

त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए

 ग्राम पंचायतों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा

भोपाल 5 जुलाई 09। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये ग्राम पंचायतों को कम्प्यूटरीकृत किया जायेगा। यह कार्य पंचायतीराज मंत्रालय भारत शासन और पंचायत राज संचालनालय के सहयोग से किया जायेगा। यह विचार यहां भारत शासन पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री डी.के. जैन ने नर्मदा भवन में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये। इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश के सीधी और शिवपुरी जिले से की जा रही है। बाद में इसे सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किया जायेगा। इस योजना को कार्यरूप में परिणित करने के लिये नेशनल ई-ग्राम पंचायत के अन्तर्गत ePRI योजना को प्राथमिकता से लिये जाने के लिये भारत शासन दृढ़ संकल्पित है।

       इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि इस कार्यशाला में आए जनपद पंचायत, जिला पंचायत, जन-प्रतिनिधियों के द्वारा दिये गये सुझावों पर प्रभावी रूप से अमल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटराइजेशन के लिये पहले जो प्रोजेक्ट लागू किये गये हैं उनका विस्तृत रूप से अध्ययन किया जाये। प्रदेश में लगभग 23 हजार ग्राम पंचायत और 52 हजार ग्राम हैं। पंचायत संस्थाओं से 23 विभाग जुड़े हैं। नरेगा में कम्प्यूटर का सही उपयोग होना चाहिये। ग्राम पंचायत सचिवों की योग्यता को देखकर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा।

       कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए अपर विकास आयुक्त श्री अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि अभी ePRI के तहत प्रदेश के दो जिले सीधी और शिवपुरी का चयन किया गया है। भारत सरकार की टीम इन दोनों जिलों का भ्रमण करेगी, वहां की पंचायत राज संस्थाओं में जाकर यह समीक्षा करेगी कि ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में सूचनाओं से संबंधित मूलभूत आवश्यकताएं क्या हैं, ऐसे कौन से कार्यक्रम, परियोजनाएं एवं आवश्यक लेखे की जिनका ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक कम्प्यूटर नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। पंचायत राज संस्थाओं से संबंधित विभागों को बुलाने का उद्देश्य है कि उनके द्वारा कई कार्यक्रम एवं योजनाएं पंचायत राज संस्थाओं के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही हैं। जिनका गुणात्मक मूल्यांकन, भौतिक प्रगति एवं बजट तथा लेखाओं से संबंधित सूचनाएं प्राप्त करने की अपेक्षा पंचायत राज संस्थाओं से की गई है। उनकी योजनाओं का संचालन, क्रियान्वयन एवं रिपोर्टिंग के संदर्भ में पंचायत राज संस्थाएं सूचनाओं के आदान-प्रदान में किस प्रकार सकारात्मक भूमिका निभा सकती हैं।

       मध्यप्रदेश में भारत के संविधान की 11वीं अनुसूची के अन्तर्गत 23 विभागों के द्वारा विभिन्न प्रकार के फंड, कार्यक्रम पंचायत संस्थाओं को सौंपे गये हैं, इन 23 विभागों के ग्राम सभाओं में 193 कार्य, ग्राम पंचायतों में 61 कार्य, जनपद पंचायतों को 162 कार्य और जिला पंचायतों को 133 कार्य सौंपे गये हैं। इस प्रकार पंचायत संस्थाओं को कुल मिलाकर 449 कार्य सौंपे गये हैं। ई.पी.आर.आई. (ePRI) के माध्यम से ग्राम सभाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी एक नया अध्याय जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को ई-गवर्नेंस से जोड़े जाने की एक महती परियोजना हाथ में ली गई है, यह पंचायत राज संस्थाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना को क्रियान्वित करने में भारत सरकार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा।

       इस अवसर पर आयुक्त पंचायत श्रीमती वीणा घाणेकर सहित मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा अपने-अपने विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सीधी और शिवपुरी जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, सरपंच और जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री भूपेश गुप्ता ने किया।

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