किसानों को बताई गई फलोद्यान स्थापित करने की बारीकियां
नंदन फलोद्यान योजना के तहत कार्यशाला सम्पन्न
ग्वालियर 5 जुलाई 09। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना की नंदन फलोद्यान उपयोजना के तहत चयनित जिले के हितग्राहियों को आज एक प्रशिक्षण सह कार्यशाला के माध्यम से फलोद्यान स्थापित करने की व्यवहारिक जानकारी दी गई। यहां जिला पंचायत परिसर में आयोजित हुए इस प्रशिक्षण में फलोद्यान विशेषज्ञों ने पौध रोपड़ व पौधों का रख रखाव, सिंचाई के तरीके व पौधों के लिये आवश्यक जैविक खाद मसलन मटका खाद आदि तैयार करने का व्यवहारिक प्रदर्शन किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, उपसंचालक उद्यानिकी श्री महाबीर सिंह तोमर व परियोजना अधिकारी डॉ. विजय दुबे सहित अन्य संबंधित अधिकारी व फलोद्यान विशेषज्ञ तथा नंदन फलोद्यान के लिये चयनित ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिव तथा ग्रामीण यांत्रिकी विभाग का मैदानी अमला भी मौजूद था। नंदन फलोद्यान स्थापित करने की फायनल तैयारी के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में हितग्राहियों से रूबरू चर्चा कर विषय विशेषज्ञों ने पहले से खुदे गड्डों में पौध रोपण की विधि, रोपण के समय जैविक खाद देने की मात्रा, पौधों की सुरक्षा व कम पानी में पौधों की भरपूर सिंचाई अर्थात सिंचाई की ड्रिप पध्दति के बारे में बताया। नंदन फलोद्यान के हितग्राहियों से कहा गया कि पहली बरसात होते ही पहले से खुदे गड्डों में पौध रोपण करें और पौधो की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी की नंदन फलोद्यान उपयोजना के तहत सभी वर्गों के बी पी एल. परिवार पात्र होते हैं, इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पट्टेधारी भी नंदन फलोद्यान के लिये पात्र होते है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये हितग्राही के पास दो हेक्टेयर कृषि भूमि और सिंचाई सुविधा होना आवश्यक है। नंदन फलोद्यान योजना के तहत करीब एक हेक्टेयर क्षेत्र में फलोद्यान स्थापित कराया जाता है इसके लिये सरकार द्वारा रोजगार गारण्टी योजना के तहत निशुल्क पौधे, गड्डों की खुदाई की मजदूरी, सिंचाई खर्च, पौधों की सुरक्षा के लिये तार फैन्ंसिग आदि खर्च किया जाता है। इस प्रकार तीन वर्षों में एक नंदन फलोद्यान पर सरकार द्वारा लगभग 4 लाख रूपये की राशि खर्च की जाती है।
आय के अतिरिक्त जरिये के लिये पपीते की इंटर क्रोपिंग
नंदन फलोद्यान किसानों के लिये आय का अतिरिक्त और मजबूत जरिया बन सके इस मकसद से जिले में नंदन फलोद्यान में पपीते की इंटर क्रोपिंग (दूसरे पौधें के बीच में पौध रोपण) को प्रमुखता से हाथ में लिया जा रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि पपीते के पौधों की व्यवस्था के लिये जिले की शासकीय रोपणियों में पपीते के लगभग 4 लाख हाईब्रिड पौधे तैयार कराये गये हैं। ये पौधे रोपण के पश्चात छ: महीने में फल देने लगते हैं।
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