राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने आरटीआई पर चौथे सम्मेलन का उद्धाटन किया
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सूचना का अधिकार कानून से सार्वजनिक आपूर्ति तंत्र में सुधार संभव - राष्ट्रपति
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सरकार कानून के जरिए आरटीआई को और सशक्त बनाने के लिए तैयार - पृथ्वीराज चव्हाण
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नई दिल्ली 12 अक्टूबर 09, सूचना का अधिकार कानून पर चौथा वार्षिक सम्मेलन आज यहां शुरू हुआ । सूचना के अधिकार - आरटीआई पर दो दिवसीय सम्मेलन को केन्द्रीय सूचना आयोग ने आयोजित किया है । राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए कहा कि कानून के प्रभावीपन का आकलन करने के लिए नागरिकों का यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि उनकी सरकार कैसे कार्य कर रही है । आरटीआई प्रत्येक नागरिक को प्रश्न पूछने और उत्तर पाने का माध्यम सुलभ कराती है । इस साल सम्मेलन सूचना के अधिकार को सशक्त बनाने के विषय पर आधारित है ।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस कानून ने वस्तुत: लोगों की संसद का सृजन किया है जहां हर नागरिक सरल विधि के जरिए जानकारी प्राप्त कर सकता है । उन्होंने कहा कि आरटीआई सार्वजनिक सेवा, सुपुर्दगी तंत्र और प्रणाली में सुधार लाने का औजार बन सकता है । राष्ट्रपति ने कहा कि आरटीआई कानून के तहत दिए गए अधिकार व्यापक हैं और इसीलिए इन अधिकारों का प्रयोग बड़ी जिम्मेदारी से करना बहुत महत्त्वपूर्ण है ।
इस अवसर पर कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री श्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इस कानून के पहले चार वर्ष में सूचना चाहने वालों, नागरिक संस्थाओं, मीडिया, सूचना आयुक्तों और सूचना प्रदाताओं जैसे विभिन्न हितधारकों से सरकार को पर्याप्त समर्थन मिला है । इससे प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकरण की कार्य प्रणाली मे पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति पैदा करने तथा अपने सभी नागरिकों की सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने का उद्देश्य हासिल करने में सरकार को मदद मिली है ।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री वजाहत हबीबुल्लाह ने स्वागत भाषण में कहा कि आरटीआई कानून ने भारत को आदर्श लोकतंत्र बना दिया है । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत मूल अधिकारों का अंग है ।
इस सम्मेलन में भारत और सार्क देशों की नागरिक संस्थाओं और मीडिया के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं ।
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