गुरुवार, 22 अक्तूबर 2009

व्यावसायिक खेती हेतु समूदन मॉडल को लोकप्रिय बनाया जावेगा- मुख्यमंत्री

व्यावसायिक खेती हेतु समूदन मॉडल को लोकप्रिय बनाया जावेगा- मुख्यमंत्री

उन्नत कृषक के रूप में अनूप मिश्रा ने बनाई नई पहचान

ग्वालियर 20 अक्टूबर 09 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में परम्परागत खेती के स्थान पर व्यावसायिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिये समूदन मॉडल को लोकप्रिय बनाया जावेगा । उन्होंने यह बात आज प्रदेश के ऊर्जा, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा द्वारा डबरा तहसील के ग्राम समूदन में स्थापित जैविक फार्म हाउस तथा आर एन मिश्रा औद्योगिक प्राशिक्षण केन्द्र के अवलोकन के दौरान कही । इस अवसर पर प्रदेश के किसान कल्याण एवं पशुपालन मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सहकारिता मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन भी उपस्थित थे ।

      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को समृध्द और विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित करने हेतु आवश्यक है कि खेती को फायदे का धंधा के रूप में विकसित किया जाये । उन्होंने कहा कि इसके लिये आवश्यक है कि कृषक परम्परागत खेती के स्थान पर व्यावसायिक खेती को अपनायें । उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिले में श्री अनूप मिश्रा द्वारा 10 एकड़ भूमि स्वामी के रूप में एक सीमांत कृषक किस प्रकार व्यावसायिक खेती को अपना सकता है इसका आदर्श स्वरूप प्रस्तुत किया है । उन्होंने कहा कि समूदन को मॉडल मानकर प्रदेश में लागू करने पर सरकार विचार करेगी । इसके लिये कृषि, सहकारिता व ऊर्जा मंत्री के रूप में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जावेगा । यह समिति इसके लिये नियम , कायदे, कानून और प्रक्रिया का निर्धारण करेगी ।

      श्री चौहान ने कहा कि समूदन फार्म में खेती को व्यावसायिक स्वरूप प्रदान करने हेतु पशुपालन, मधुमक्खी पालन, डेयरी विकास, जैविक खेती सभी को अपनाया गया है जो प्रशंसनीय होने के साथ-साथ अनुकरणीय भी है ।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खाद के उपयोग को लोकप्रिय बनाकर रासायनिक खाद के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है । आरएन मिश्रा औद्योगिक केन्द्र प्रशिक्षण संस्थान के संबंध में उन्होंने कहा कि इस संस्थान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को कृषि और कृषि कार्य में उपयोगमें आने वाले संयंत्रों की मरम्मत आदि के कार्यो का प्रशिक्षण प्रदान कर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मुहैया कराये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि आद्योगिक केन्द्र में मसाले, दलिया, ,खाद्य तेल, डेयरी, रतनजोत से बायोडीजल व लकड़ी से 15 मेगावाट तक विद्युत उत्पादन का प्लांट भी स्थापित किये गये हैं । उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य किसान भी इससे प्रेरणा लेकर व्यक्तिगत रूप से या समूह के रूप में भी इन गतिविधियों को संचालित कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि सरकार भी कृषकों को इस कार्य में सहयोग करेगी। श्री चौहान ने कहा कि जेट्रोफ से उत्पादित बायोडीजल को लोकप्रिय बनाने के प्रयास भी किये जावेंगें । इसके लिये सरकार द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है ।

      प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने जनशिक्षण संस्थान और आर एन मिश्रा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान समूदन द्वारा संचालित गतिविधियों का मंत्रीगण के साथ अवलोकन किया ।

      स्वास्थ्य मंत्री तथा संस्थान के संस्थापक श्री अनूप मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1996 -97 से ग्राम समूदन की 10 हेक्टर भूमि पर जैविक खेती को प्रारंभ किया गया था । जिसमें कृषि की व्यावसायिक गतिविधियों को जोड़ने का प्रयास प्रारंभ किये गये थे जो आज साकार स्वरूप प्रदान कर चुके हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि डेयरी फार्म, पशुओं के गोबर से बनाये गये वर्मीकल्चर व बायोगैस संयंत्र की स्थापना, दुग्ध उत्पादन की गतिविधियां, फार्म हाउस में आम, अमरूद, नीबू, संतरा, कटहल, आंवला के पेड़ लगाकर उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है। मधुमक्खी पालन भी किया जा रहा है, इसमें मधु मक्खियों को आकर्षित करने के लिये प्लोनिया के पोधे लगाये गये हैं, जिनसे मधुमक्खी 12 माह तक पाली जा सकती है । फार्म हाउस के खेतों की मेढ़ पर जेट्रोफा (रतनजोत) के पौधे लगाये गये हैं जिनके फलों से बायोडीजल तथा फलों की खली से जैविक खाद तैयार किया जा रहा है । सिंचाई हेतु स्ंप्रिकलर और टपक पध्दत्ति का उपयोग किया जा रहा है ।

      औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र के संबंध में श्री मिश्रा ने बताया कि इस संस्थान के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के युवाओं को विद्युत, फिटर, वैल्डर और डीजल मैकेनिक ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस संस्थान से निकलने वाले शत प्रतिशत विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हो रहा है । उन्होंने बताया कि इस संस्थान से पास आउट विद्यार्थी दिल्ली और बैंगलोर में मेट्रोरेल प्रोजेक्ट में सर्विस प्राप्त कर चुके हैं । इसके अलावा संस्थान द्वारा दाल, दलिया, तेल, हस्तशिल्प  प्रोजेक्ट का भी उत्पादन किया जा रहा है ।

 

10 बीघा जमीन से तीन लाख रूपये का शुध्द लाभ

       मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि समुदन मॉडल को आधार मानकर खेती करके 10 बीघा सिंचित भूमि वाले सीमांत कृषक एक वर्ष में 3 लाख रूपये से अधिक का शुध्द लाभ प्राप्त कर सकते हैं । यह लाभ खेती में लगने वाली सम्पूर्ण लागत के अलावा होगा । उन्होंने बताया कि कृषक को 10 बीघा में से एक बीघा में डेयरी, दो बीघा में आंवला पौध रोपण, दो बीघा में अमरूद, एक बीघा में पपीता, एक बीघा में आम , तीन बीघा में चना गेहूं आदि फसलें करनी होंगी ।  इसके अलावा गोबर गैस, वर्मी कल्चर, सफेद मूसली, कालमेघ, अश्वगंधा, काली हल्दी, सब्जी, फूल, मधुमक्खी पालन एवं मशरूम उत्पादन वैकल्विक कृषि के रूप में किया जा सकता है।

 

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