कपिल सिब्बल ने नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा का आह्वान किया
नई दिल्ली 13 अक्टूबर 09, नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठयक्रमों में प्रवेश के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा के आयोजन पर विचार करना चाहिए ताकि छात्रों और उनके परिवारों को परीक्षाओं और विचार-विमर्श के लिए विभिन्न गंतव्यों पर जाने की परेशानी से निजात मिल सके। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों की बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त किए। उपकुलपतियों को संबोधित करते हुए श्री सिब्बल ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को देश में अकादमिक दक्षता में उदाहरण के तौर पर पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों को अपने राज्यों में उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान और परिकल्पित अकादमिक पाठयक्रमों के साथ एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहिए जो राज्य में रोजगार के अवसर पैदा कर सकें। श्री सिब्बल ने कहा कि यूजीसी को इन उपकुलपतियों के सहयोग से एक पैनल बनाने को कहा गया है ताकि इनमें कम से कम समान पाठयक्रम हो सकें।
बैठक के दौरान, बिहार, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, सिकिम्म, तमिलनाडु और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों का दर्जा पा चुके तीन पुराने राज्य विश्वविद्यालय छत्तीसगढ, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के उपकुलपतियों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। उच्चतर शिक्षा के सचिव श्री आर.पी.अग्रवाल और यूजीसी के अध्यक्ष श्री सुखदेव थोरट ने भी बैठक के दौरान अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
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