मंगलवार, 28 अक्तूबर 2008

दीपावली पर्व पर परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन एवं ध्वनि मापन

दीपावली पर्व पर परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन एवं ध्वनि मापन

ग्वालियर 27 अक्टूबर 08 । क्षेत्रीय प्रयोगशाला मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्वालियर द्वारा पर्यावरण की निगरानी हेतु वाणिज्यक क्षेत्र, रहवासी क्षेत्र तथा शांत क्षेत्र में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन तथा ध्वनि स्तर मापन का कार्य दीपावली के दिन किया जायेगा । इस कार्य हेतु बोर्ड के वैज्ञानिकों, कनिष्ठ वैज्ञानिकों तथा रसायनज्ञों के अलग-अलग दल गठित किये गये हैं । दल द्वारा परिवेशीय गुणवत्ता मापन के अतिरिक्त शहर में पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की निगरानी का कार्य भी किया जावेगा । उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने रात्रि 10 बजे के बाद पटाखों को चलाने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं । प्रदूषण बोर्ड ने समस्त नागरिकों से अनुरोध किया है कि वायु प्रदूषण की समस्या कम करने एवं अपने आसपास के पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने हेतु सहयोग करें, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दीपावली पर्व के दौरान बहुत मात्रा में विभिन्न प्रकार के पटाखे जलाये जाते हैं इन पटाखों में बारूद एवं अन्य खतरनाक रसायन होते हैं । पटाखों को जलाने से शहर की परिवेशीय वायु  में धूल के कण, सल्फरडाई आक्साइड तथा नाईट्रोजन के आक्साइड जैसे प्रदूषणकारी अवयवों की मात्रा बढ़ जाती है । साथ ही पटाखों को चलाने से ध्वनि का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने की संभावना रहती है । वायुमंडल में नाईट्रोजन के आक्साइड का मानक सीमा से बढ़ जाने पर स्वास्थ संबंधी रोग, फुसफुस कोशिकाओं में परिवर्तन, दर्द, खांसी तथा सल्फरडाई आक्साइड से दमा का अतिक्रमण, आंखों में जलन इत्यादि समस्याएं होती है । ध्वनि स्तर बढ़ने से सिरदर्द, बैचेनी, मानसिक तनाव, अनिद्रा, जलन, रक्तचाप बढ़ने की संभावनायें, चिड़चिड़ापन इत्यादि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

 

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