शिवराज सरकार के खिलाफ बगावत, प्रचार विभाग गुस्साया छुट्टियों में काम नहीं करेंगे जनसम्पर्क अधिकारी और कर्मचारी
ऐन चुनाव के वक्त जब शिवराज सरकार जो कि केवल प्रचार प्रसार के भरोसे ही अगला चुनाव जीतने की कवायद कर रही है ऐसे समय में सरकार के प्रचार विभाग के कर्मचारी बगावत का झण्डा उठा कर खड़े हो गये हैं, जिससे शिवराज सरकार के चुनावी अभियान को तगड़ा झटका लगेगा । यह ज्ञातव्य है कि जहॉं लगभग सभी विभागों के कर्मचारी अवकाश के व्रक्त या दिनों में आराम फरमाते हैं तब भी जनसम्पर्क विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी बजाते हैं, कहीं न कहीं कोई न कोई वी.आई.पी. कभी भी धमकता रहता है और जनसम्पर्क विभाग को अपनी छुटटी छोड़ कर कार्यक्रम कवरेज के लिये सदा मुस्तैद रहना होता है । कई बार तो ये कर्मचारी देर रात दो तीन बजे तक लगातार अपने काम पर लगे रहते हैं । इनके महत्व को कम आंक कर सरकार ने अपने गले में जो फांस फंसाई है वह तो आने वाले वक्त में ही पता लगेगा कि इसका अंजाम क्या होगा । बस इतना कहना काफी है, जिस नैया से वैतरणी पार हो, वही हिचकोले खाये तो क्या कहिये । - सम्पादक |
ग्वालियर 10 अक्टूबर ।जनसंपर्क विभाग के मध्यप्रदेश भर के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी अपने प्रस्तावित विभागीय सेटअप लागू कराने में विभागाध्यक्ष के रूचि नहीं लेने के विरोध में वर्क-टू-रूल के तहत अवकाश के दिनों में कोई भी विभागीय कार्य संपादन नहीं करेंगे । यह पहला मौका होगा जब छुट्टियों के दिनों में जनसंपर्क संचालनालय सहित प्रदेश में स्थित सभी जनसंपर्क कार्यालय, सूचना केन्द्र और प्रेस प्रकोष्ठ बंद रहेंगे ।
अपनी मांगों के लिये मध्यप्रदेश जनसंपर्क अधिकारी संघ, विभागीय तृतीय वर्गीय कर्मचारी संघ, वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ एवं लघु वेतन कर्मचारी संघ ने एक संयुक्त समन्वय समिति बनाकर विभाग में वर्क-टू-रूल लागू किया है । जिसके तहत अब जनसंपर्क के सभी कार्यालयों, सूचना केन्द्र और प्रेस प्रकोष्ठों में शासकीय कार्य दिवसों में केवल सुबह साढ़े दस बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक काम होगा । छुट्टी के दिनों में काम नहीं होगा।
समन्वय समिति की प्रमुख मागों में विभागीय सेटअप की मंजूरी, विभागीय संचालक की पदस्थापना, राज्य सूचना सेवा का गठन, विभाग के कर्मचारी, अधिकारियों को समयमान वेतन की मंजूरी तथा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के रिक्त पदों को एक बार पूरी तरह से विभागीय पदोन्नति से भरने की छूट देना शामिल है ।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं जनसंपर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, मुख्य सचिव से संघ के पदाधिकारियों ने तीन बार मुलाकात की इन सभी का रूख सकारात्मक था और इस संबंध में आयुक्त जनसंपर्क को निर्देश दिये थे । लेकिन आयुक्त जनसंपर्क ने इस बारे में सार्थक एवं सक्षम पहल नहीं की, जिसकी बजह से कर्मचारी और अधिकारियों में गंभीर असंतोष व्याप्त है । इसी के परिणाम स्वरूप पहली बार जनसंपर्क में वर्क-टू-रूल लागू किया गया है ।
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