मंगलवार, 14 अक्तूबर 2008

शॉपिंग माल, सिनेमा हॉल, बैंक, होटल तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में 15 दिनों के भीतर डीएफएमडी लगाने के निर्देश

शॉपिंग माल, सिनेमा हॉल, बैंक, होटल तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में 15 दिनों के भीतर डीएफएमडी लगाने के निर्देश

 सुरक्षा उपायों पर प्रभावी अमल के उद्देश्य से कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

ग्वालियर 13 अक्टूबर 08। शॉपिंग माल, सिनेमा हॉल, बैंक, होटल तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों से कहा गया है कि वे 15 दिवसों के भीतर समस्त प्रवेश द्वारों पर डी.एफ.एम.डी. (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर) आवश्यक रूप से लगवालें, अन्यथा उनके विरूध्द वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। बीते दिनों देश के विभिन्न शहरों में हुई आतंकवादी घटनाओं को ध्यान में रखकर नगर में एहतियात बतौर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के मकसद से बुलाई गई बैठक में जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने उक्त प्रतिष्ठानों के संचालकों से कहा कि डी.एफ.एम.डी. नागरिक सुरक्षा के साथ भवनों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। अत: सभी इस काम को गंभीरता से अंजाम दें। यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में सम्पन्न हुई इस बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री व्ही.के. सूर्यवंशी , नगर निगम आयुक्त डॉ. पवन शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर वर्मा, अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री आदित्य सिंह तोमर , नगर दण्डाधिकारी श्री राजेश बाथम, नगर के विभिन्न शाँपिंग मॉल, होटल व सिनेमा हॉल के संचालक गण, बैंक प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

       जिला कलेक्टर श्री आकश त्रिपाठी ने कहा सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित कर बड़े हादसों से बचा जा सकता है। अत: ऐसी कोशिश करें कि शॉपिंग मॉल, होटल, सिनेमा हाल व बैंक आदि में एक ही एण्ट्री पॉइण्ट हो और उसे डी.एफ.एम.डी. लगाकर सुरक्षित कर दिया जाय, जिससे प्रवेश लेने वाले हर व्यक्ति की बारीकी से जांच हो सके। उन्होंने होटल व विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों से कहा कि वे होटल में प्रवास करने वाले लोगों व नये कामगारों की सूची हर दिन संबंधित पुलिस थानों को अवश्य दें। उन्होंने मकान मालिकों से भी अपील की कि वे अपने किरायेदारों की सूची आवश्यक रूप से पुलिस थानों में दें। उल्लेखनीय है कि जिला दण्डाधिकारी द्वारा पूर्व में ही धारा 144 के तहत एक आदेश जारी कर शॉपिंग माल, होटल , सिनेमाघर, व बैंक आदि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में डी.एफ.एम.डी. लगाने के निर्देश दिये जा चुके हैं। इसी तरह एक अन्य आदेश के तहत मकान मालिकों से किराये दारों की सूची व होटल मालिको से प्रतिदिन ठहरने वाले रहवासियों की सूची पुलिस थानों में अनिवार्य रूप से भेजने के लिए कहा गया है।

       पुलिस अधीक्षक श्री व्ही.के. सूर्यवंशी ने कहा डी.एफ.एम.डी. अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए, जिससे कोई भी व्यक्ति अवांछित वस्तु  लेकर प्रवेश न कर सके। उन्होने कहा संबंधित प्रतिष्ठान इस संबंध में पुलिस से तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। पुलिस अधीक्षक ने होटल संचालकों से भी कहा कि वे हर ठहरने वाले व्यक्ति से आई.डी. प्रूफ अवश्य लें। साथ ही डिजटल कैमरे के माध्यम से होटल में आने वाले हर आगन्तुक की फोटो लेकर उसे सुरक्षित रखें। उन्होने कहा कि देश के विभिन्न शहरों में बीते दिनों हुई आतंकवादी घटनाओं में यह बात खुलकर सामने आई है कि अराजक तत्व छद्म नाम से होटल व किराये पर मकान लेकर रहने लगते है। यदि समय रहते अर्थात आरंभ में ही पुलिस को आगंन्तुकों व किरायेदारों की सूची मिल जाये तो वह बारीकी से जांच कर अराजक तत्वों का पता लगा सकती है। साथ ही सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ कर कारगर कदम उठाये जा सकते हैं।

       नर्सिंग होम, धार्मिक स्थल तथा अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के संबंध में भी बैठक में गहन चर्चा हुई। जिला कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त से कहा कि अब नये व्यावसायिक भवनों को तभी अनुमति प्रदान करें जब उनमें डी.एफ.एमडी. का स्पष्ट प्रावधान हो। कलेक्टर ने  जन सामान्य से भी अपील की है कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करें।

 

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