गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

भारत में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं, उन्हें तराशने की जरूरत- राज्यपाल

भारत में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं, उन्हें तराशने की जरूरत- राज्यपाल

 

लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान का छठवां दीक्षांत समारोह आयोजित

 

ग्वालियर 4 अक्टूबर 08। खेल में विजय शक्ति एवं बुध्दि के समन्वय से अर्जित की जाती है। सेहत में ही जिन्दगी का राज है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ विचार वास करते हैं। अत: फिजीकल एज्यूकेशन समाज के लिए बहुत जरूरी है। उक्त आशय के विचार मध्यप्रदेश के राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने आज यहां देश के एक मात्र खेल विश्वविद्यालय लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के छठवे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक में हमने तीन मेडल जीते हैं वह खुशी की बात है। हमें इतने से ही संतोष नहीं करना हमारी बाजुओं में बड़ी ताकत है, जिससे गोल्ड मेडल की बरसात होनी चाहिये। डॉ जाखड़ ने कहा हिन्दुस्तान एक उभरती हुई शक्ति है और यहां खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं दरअसल उन्हें तराशने की जरूरत है।

       राज्यपाल ने लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के विद्यार्थियों का आह्वान करते हुये कहा कि उनके कंधों पर देश का भविष्य है। उपाधि प्राप्त विद्यार्थिंयों ने आज यहां ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन की जो शपथ ली है, उसे शब्द भर न समझें अपितु उसे निभाकर राष्ट्र निर्माण में अपना पूरा-पूरा योगदान दें। उन्होंने कहा कि खेल केवल खेल भर नहीं हैं बल्कि खेल मिलकर जीने का तरीका सिखाते है और खेल भावना समाज को एक सूत्र में जोड़े रखने का भी काम करती है। इसलिए यहां से शारीरिक शिक्षा लेकर निकले विद्यार्थी खेलों को बढ़ावा देने में सहयोगी बनेें। राज्यपाल ने शहरों के साथ-साथ गांव स्तर पर खेलों के लिए अधोसंरचना विकसित करने पर भी बल दिया।

       दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुये केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री एम.एस. गिल ने कहा कि पूरी दुनिया में गिने-चुने खेल विश्वविद्यालय हैं, जिनमें ग्वालियर का लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान भी एक है। उन्होंने कहा इस संस्थान में विश्व स्तरीय सुविधायें एवं तकनीक विकसित हो इसके लिए इसे आस्ट्रेलिया, चीन व ब्रिटेन के खेल विश्वविद्यालयों से जोड़ा जायेगा। श्री गिल ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से सरकार ने एक स्कीम बनाई है, जिसका नाम पंचायत युवा क्रीडा और खेल अभियान (पीवाईकेकेए) है, इसमें भारत में बुनियादी खेलकूद की गतिविधियों के माध्यम से खेलों को व्यापक आधार प्रदान के लिए प्रयास किया गया है। 11 वीं योजना अवधि के लिए 1500 करोड़ रूपये को का प्रावधान पंचायत स्तर पर बुनियादी खेल अवस्थापना प्रदान करने के लिए किया गया है। ब्लाक तथा जिला स्तरों पर वार्षिक प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा, जिससे प्रतिभा की जड़ गहरी और विस्तृत बनेंगी और राष्ट्रीय व अतंर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाडियों का प्रदर्शन बेहतर होगा।

       श्री गिल ने कहा खेल मंत्रालय ने खेलों के विकास और कल्याण की कड़ी में  खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसके तहत दरिद्र अवस्था में रह रहे खिलाड़ियों के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन उत्कृष्ट खिलाड़ियों को दुगुनी पेंशन। जिन खिलाड़ियों ने ओलम्पिक, विश्व खेलों, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल और पैरालंपिक खेलों में पदक जीते हैं, उन्हें बढ़ी हुई धनराशि दी जा रही है। ओलंपिक पदक वितजेताओं के लिए नगद पुरस्कार में वृध्दि- की गई है। स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए 30 लाख से 50 लाख रूपये तक, रजत पदक विजेताओ के लिए 18 लाख से 30 लाख रूपये तक तथा कांस्य पदक विजेताओं को अब 12 लाख से 20 लाख रूपये देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा भारतीय स्कूल परिसंघ को भी मान्यता प्रदान की है ताकि वे उन सभी सुविधाओं के पात्र बन सकें जो एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल परिसंघ के पास उपलब्ध है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तथा विकलांगो के लिए खेलकूद के संवर्धन की नई योजना विचाराधीन है।   इसी प्रकार हॉकी, वालीबाल, बास्केटबाल, तैराकी व साइक्लिंग को 'प्राथमिकता' की स्थिति तक अपग्रेड कर दिया गया है। 

       दीक्षांत समारोह में राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने मास्टर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन में कु. यास्मीन अंजुम को गोल्डमेडल एवं केन्द्रीय खेल मंत्री श्री एम.एस गिल ने बैचलर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन में कु. पुष्पा रेड्डी को गोल्ड मेडल प्रदान किया। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के कुलपति मेजर जनरल श्री एस.एन. मुखर्जी ने पीएचडी. के 15 विद्यार्थियों बैचलर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन में 111 विद्यार्थियों , मास्टर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन के 36, एम.फिल के 28, पी.जी. डिप्लोमा आई टी. के सात, पी.जी. कोचिंग के 45, पी.जी. डिप्लोमा इन योगा के 24, मेनेजमेण्ट के 5 एवं खेल पत्रकारिता के 11 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की।

       दीक्षांत समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। संस्थान के कुलपति श्री एस.एन. मुखर्जी ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। समारोह में शायर काजी तनवीर ने राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत कविता 'बड़ी कुरबानियां देकर मिली, यह आजादी हमारी जिन्दगी है।' तरन्नुम के साथ सुनाई। कार्यक्रम में संस्थान की एकेडमिक काउन्सिल के सदस्यगण, कुल सचिव श्री एल.एन. सरकार, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी व उनके  परिवार जन मौजूद थे। समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

 

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