रबी सीजन में कृषकों को खाद्-बीज की आपूर्ति सुगमता से हो - कमिश्नर डॉ0 सिंह
शिवपुरी जिले में रबी सीजन में 262.8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की फसले बोई जावेगी
शिवपुरी 07 अक्टूबर 08
कमिश्नर डॉ0 कोमल सिंह ने शिवपुरी जिले के खरीब फसलों की स्थिति की समीक्षा करते हुए, अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी सीजन में कृषकों को खाद्,बीज एवं कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति सुगमता से हो। इसके लिए खाद् , बीज की समुचित व्यवस्था की जावे। कमिश्नर डॉ0 कोमल सिंह आज जिलाधीश कार्यालय शिवपुरी के एन.आई.सी. केन्द्र में समाधान ऑन लाईन कार्यक्रम के पूर्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थें।
बैठक में जिला कलेक्टर श्री मनीष श्रीवास्तव, जिला पुलिस अधीक्षक श्री डी.सी.शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के.मिश्रा सहित जिलास्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
कमिश्नर डॉ0 सिंह ने रबी सीजन की समीक्षा करते हुए, उपसंचालक कृषि को निर्देश दिए कि जिले के किसानों की मांग के अनुरूप चने की जे.जी. 11 एवं 315 ,सरसो बोल्ड, गेहूॅ लोकमन, डब्ल्यू एच,एम.पी.4010, और.एच.बी.2004 बीज की पर्याप्त व्यवस्था रखी जावे। जिससे किसानों को रवी की फसलों की बोनी में परेशानी ना हो। उन्होने शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने बाली धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, आदि जिंस की खरीदी हेतु उपार्जन केन्द्र शुरू करने के भी संबंधित अधिकारियो को निर्देश दिए।
बैठक में जिला कलेक्टर श्री मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में एक हजार 4 मिली मीटर, औसत वर्षा रिकार्ड की गई। खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर है। रबी फसलों के लिए पर्याप्त सिचांई की व्यवस्था है और जमीन में बोनी हेतु नमी भी पर्याप्त है। जिले में सरसों की बोनी का कार्य भी शुरू हो गया है। अभी तक 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसो की बोनी की जा चुकी है। जिले में नदी, नालों एवं अन्य स्त्रोतो पर बेहते हुए पानी को रोकने के लिए बोरी बंधान का 25 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया गया है और इस दिशा में तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। जिला कलेक्टर ने बताया कि शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर जिले में बाजरा, ज्वार एवं मक्का के उपार्जन के साथ-साथ मगरौनी एवं नरवर में धान उपार्जन की व्यवस्था की गई है।
उल्लेखनीय है, कि शिवपुरी जिले में इस वर्ष रबी सीजन में 262.8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की विभिन्न फसले बोई जावेगी। जिसमें मुख्य रूप से गेहूॅ 100 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में , चना 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और सरसों 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोई जावेगी।
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