गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

धान कॉमन 850 रूपये और धान ग्रेड-ए 880 रूपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित

धान कॉमन 850 रूपये और धान ग्रेड-ए 880 रूपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित

धान खरीदी के लिए 18 केन्द्र निर्धारित

ग्वालियर 7 अक्टूबर 08। खरीफ विपणन वर्ष 2008-09 के लिए शासन द्वारा धान कॉमन 850 रूपये और धान (सुपर) ग्रेड-ए 880 रूपये प्रति क्विंटल (खरीदी)का समर्थन मूल्य घोषित किया है।

       कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने धान खरीदी के लिए 18 केन्द्र निर्धारित किये है। खरीदी केन्द्रों पर निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए 26 अधिकारी नियुक्त किये गए। इसके अलावा धान की गुणवत्ता सम्बन्धी विवादों को निपटाने के लिए जिला स्तरीय प्रशासनिक समिति का गठन किया गया है। समिति अध्यक्ष संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश बाथम को बनाया गया है। समिति  में जिला आपूर्ति नियंत्रक, सहकारी समितियां के उप पंजीयक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबन्धक और कृषि कल्याण विभाग के उपसंचालक को सदस्य मनोनीत किया है। जिला प्रबन्धक मार्कफेड समिति के संयोजक सदस्य रहेंगे।

       धान खरीदी के लिए जो केन्द्र निर्धारित किये गए है उनमें मुरार विकास खण्ड के लिए मुरार मंडी(बड़ागांव) बेहट, हस्तिनापुर ,घाटीगांव विकास खण्ड के लिए लक्ष्मीगंज मंडी जगनापुरा घाटीगांव मोहना, डबरा विकासखण्ड के लिए डबरा मंडी (डबरा एवं सालबई) पिछोर, छीमक खड़वई सिमरियाताल, भितरवार विकासखण्ड के लिए भितरवार मंडी, मस्तूरा, घरसोदी, चीनोर गढ़ाक्षर, करहिया और हरसी केन्द्र है इन सभी खरीदी केन्द्रों की निगरानी एवं पर्यवेक्षक करने के लिए 26 अधिकारियों की डयूटी लगाई गई है।

       तैनात अधिकारी खरीदी केन्द्रों पर बारदाने की व्यवस्था,किसानों को धान खरीदी का भुगतान खरीदी दिवस पर ही कराने। एफ.ए.क्यू. क्वालिटी का धान ही समर्थन मूल्य पर खरीदने, समर्थन मूल्य से नीचे यदि धान की विक्री होती है तो उस धान का सेम्पल लेकर कारणों का उल्लेख करना, कृषकों को ज्यादा समय तक खरीदी के लिए नहीं रोकने, यदि विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है तो मौके पर विवाद का निराकरण करने। आवश्यकता पड़ने पर इसकी सूचना कलेक्टर एवं जिला आपूर्ति नियंत्रक को देने। किसानों को छोड़ कर किसी भी स्थिति में व्यापारियों से धान नहीं खरीदने, धान केवल कृषकों से ही खरीदी जाने तथा खरीदी के समय किसानों की ऋण पुस्तिका को देखकर ही समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जावे। किसी भी स्थिति में पुरानी धान को नहीं खरीदा जाये, खरीदी केन्द्रों पर किसानों के लिए प्रशाधन, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था कराने आदि कार्य करेंगे।

 

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