खदान पट्टाधारियों को खदानों पर स्थाई सीमाचिन्ह जानकारी दर्शाने वाला बोर्ड लगाने के निर्देश
ग्वालियर 15 अक्टूबर 08। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जिले के समस्त खदान-पट्टाधारियों को स्वीकृत खदान क्षेत्र पर स्थाई सीमाचिन्ह या सीमा स्तम्भ कायम करने तथा खदान की जानकारी दर्शाने बाला बोर्ड स्थापित करने के निर्देश जारी किये है।
कलेक्टर ने खदान पट्टाधारियों को लिखे पत्र में कहा है कि अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान देखा है कि संचालित खदान क्षेत्र में सीमांकन या सीमा स्तम्भ पक्के सीमेन्टेड मुनारे स्थापित नहीं किये है इससे स्वीकृत खदान क्षेत्र पर पर न केवल विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। अपितु अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरण प्रस्तुत हो रहे है। जबकि म.प्र. गौण खनिज नियमावली 1996 के नियम 30(11) में स्पष्ट प्रावधान है कि, पट्टाधारी की स्वीकृत खदान क्षेत्र पर पक्के सीमेन्टेड मुराने स्थापित कर उनका उचित रख-रखाव करना अनिवार्य है। इस संबंध में शासन द्वारा भी समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रसारित किये गये है साथ ही संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा भी अपने ज्ञापन पत्र में 1.80 मीटर ऊंचे एवं 5 मीटर चौड़ाई के सीमास्तम्भ स्थापित करने हेतु निर्देश प्रदान किये है। जिसके तहत 1 मीटर ऊंचाई का गोल चबूतरा एवं उसके ऊपर 80 सेमी. का स्तम्भ कायम होना आवश्यक है।
इस संबंध में कलेक्टर ने खनिज पट्टाधारियों से यह भी उल्लेख किया है कि पट्टा अनुबंध विलेख विधिवत निष्पादित किया है, जिसके भाग सात की कण्डिका-2 में स्पष्ट उपबंधित किया है कि, पट्टाधारी द्वारा स्वयं के खर्चे पर सीमाचिन्हों- सीमास्तम्भों को स्थापित करेंगे एवं समय-समय पर उन्हें संधारित एवं मरम्मत में करेंगे।
कलेक्टर ने सभी खदान पट्टेधारियों से कहा है कि स्वीकृत खदान पर स्थाई सीमास्तम्भ स्थापित कर, अपने स्वयं के व्यय से पक्के सीमेन्टेड मुनारे स्थापित कराकर, उनपर क्रमवार नम्बर डालकर, उनके छायाचित्र तथा स्वीकृत खदान का सर्वे नम्बर, रकबा एवं पट्टेदार का नाम के साथ खदान की अवधि दर्शाने वाला बोर्ड स्थापित कर 15 दिवस में मय पालन प्रतिवेदन के खनिज कार्यालय में अनिवार्यत रूप से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे अन्यथा स्वीकृत उत्खनितपट्टा में नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
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